शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां अगर आग लगने फायर ब्रिगेड का पहुंचना मुश्किल है। रविवार को दुबे काॅलोनी में ऐसे ही हालात बने। शुक्र है कि वहां आग नहीं लगी थी। नालियां चोक हो गई थी जिन्हें पानी की तेज धार से साफ कराने के लिए फायर ब्रिगेड बुलाई गई थी। वाहन को बुला तो लिया गया, लेकिन मौके तक उसके पहुंचने की जगह ही नहीं मिल पाई।
वह ऐसी जगह फंसकर रह गया, जहां से प्रभावित जगह की दूरी करीब 200 मीटर के आसपास थी। हर तरह से कोशिश करने के बावजूद सफलता हाथ नहीं लगी। आखिरकार उसे वापस लौटना पड़ा। अब कल्पना कीजिए कि अगर आग लगी होती तो क्या होता? ऐसे हालात में बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती थी। शहर में ऐसी ही कई जगह हैं जहां फायर ब्रिगेड का पहुंचना नामुमकिन है। ऐसी जगहों को लेकर यही उम्मीद की जा सकती है कि वहां कभी आग न लगे।
सड़क पर सड़क डालने से घर नीचे हो गए :
पुरानी बसी कई काॅलोनियाें में सड़क के ऊपर सड़क डालने के सिलसिले से एक समस्या खड़ी हो गई है। ज्यादातर पुराने मकान सड़क की सतह से कई मकान तो दो फीट तक नीचे हो गए हैं। इससे पानी की निकासी की समस्या पैदा होने लगी है। घर का पानी जिस नाली में जाता है, अगर वह नियमित तौर पर साफ न हो तो पूरा गंदा पानी वापस घर में लौटने लगता है।
दुबे काॅलोनी में भी यही समस्या है। यहां अब सड़क फिर से खराब हो गई है। अब लोग इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं दुबारा इस पर सड़क की एक और परत न डाल दी जाए। वे ऐसी ही बदहाल सड़क के साथ काम चलाने को तैयार हैं लेकिन यह नहीं चाहते कि इसे दोबारा बना दिया जाए।
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