मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश की संक्रमण दर 3% पहुंच चुकी है। पूरे जून माह में 1878 कोरोना संक्रमित मिले थे, इतने जुलाई के 14 दिन में ही मिल गए हैं। संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर है। इंदौर में संक्रमण दर 14.14% पर पहुंच गई है। जबलपुर में यह 8.01%, भोपाल में 6.37%, ग्वालियर में 3.65%। इन महानगरों के अलावा बालाघाट में भी संक्रमण दर 3.27% है।
इंदौर में इस महीने एक मौत भी
इंदौर में जून के 30 दिन में 645 केस मिले थे, अब जुलाई के 14 दिनों में ही 834 पॉजिटिव मिले हैं। इंदौर में 10 जुलाई को 70 वर्षीय उर्मिला देवी वर्मा की कोरोना से मौत हुई है। उर्मिला को 7 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एमआरटीबी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। दो दिन वेंटिलेटर पर रहने बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
ये हाल तब, जब जांच कम
केस में उछाल तब है, जब जांच कम है। 31 मई को हेल्थ कमिश्नर डॉ. सुदाम खाडे़ ने सभी जिलों में RTPCR टेस्ट का टारगेट नए सिरे से तय किया था। प्रदेश में रोजाना 25 हजार सैंपल जांचने का टारगेट दिया था। इसके बावजूद जिलों में टारगेट के मुताबिक सिर्फ एक चौथाई टेस्ट ही किए जा रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में 47,158 सैंपल की जांच की गई है। विभाग के आदेश के मुताबिक इससे ज्यादा यानी 50 हजार सैंपल की दो दिन में जांच होनी चाहिए थी।
महानगरों में कोरोना की रफ्तार
महानगर | केस (1 से 30 जून) | केस (1 से 14 जुलाई) | केस बढ़ने का % |
इंदौर | 645 | 834 | 129 |
भोपाल | 478 | 366 | 76 |
जबलपुर | 133 | 168 | 126 |
ग्वालियर | 79 | 58 | 73 |
पिछले एक हफ्ते में चार बड़े शहरों में जांच और पॉजिटिव मरीज
तारीख | इंदौर | भोपाल | जबलपुर | ग्वालियर | मप्र | |||||
टेस्ट | केस | टेस्ट | केस | टेस्ट | केस | टेस्ट | केस | टेस्ट | केस | |
14 जुलाई | 721 | 102 | 439 | 28 | 212 | 17 | 246 | 9 | 6329 | 193 |
13 जुलाई | 593 | 65 | 700 | 37 | 201 | 18 | 183 | 9 | 7643 | 159 |
12 जुलाई | 547 | 78 | 472 | 35 | 195 | 15 | 182 | 4 | 7298 | 171 |
11 जुलाई | 311 | 61 | 98 | 15 | 176 | 13 | 35 | 3 | 5157 | 116 |
10 जुलाई | 440 | 70 | 349 | 15 | 180 | 12 | 127 | 4 | 6824 | 131 |
9 जुलाई | 604 | 58 | 360 | 37 | 175 | 10 | 147 | 4 | 6652 | 130 |
8 जुलाई | 598 | 53 | 395 | 21 | 165 | 11 | 164 | 3 | 7255 | 113 |
कुल | 3814 | 467 | 2813 | 188 | 1304 | 96 | 1084 | 36 | 47158 | 1013 |
रीजनल रेस्पिरेटरी इंस्टीट्यूट के चेस्ट फिजीशियन डॉ. पराग शर्मा का कहना हैं कि मानसून के कारण वातावरण में बदलाव आया है। ठंडी हवाएं चल रही हैं। बारिश के कारण लाेग भीग रहे हैं। इससे नॉर्मल वायरल के मरीज बढ़ रहे हैं। कोविड भी वायरल इन्फेक्शन जैसा है। इसके केस भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि सीवियरिटी कम है। अभी ओमक्रोन वैरिएंट के केसेज मिल रहे हैं।
इन लक्षणों के साथ हो रहा कोरोना
डॉ. पराग शर्मा ने बताया कि इस बार कोविड के पेशेंट्स में पेट में दर्द, दस्त, गले में खराश के साथ दर्द, हल्का बुखार, सूखी खांसी आना आदि लक्षण ज्यादा आ रहे हैं। अभी कोविड का हर मरीज गले में खराश के साथ दर्द की समस्या के साथ पहुंच रहा है।
इन मरीजों को एडमिट करने की पड़ रही जरूरत
डायबिटीज, बीपी वाले या किसी ऑर्गेन ट्रांसप्लांट वाले मरीज ही सीरियस हो रहे हैं, उन्हें ही एडमिट करके हायर एंटीबायोटिक, स्टेरॉयड देना पड़ रहा है। कुछ सीरियस पेशेंट्स को रेमडेसिविर भी देना पड़ रहा है। वैक्सीनेशन के बाद कोविड की सीवियरिटी कम है।
इन बातों का रखें ख्याल
जून में हुई 9 मौतें
जुलाई के फर्स्ट वीक में प्रदेश में कोरोना के मरीज
तारीख | इतनों की जांच | संक्रमित मिले | संक्रमण दर |
7 जुलाई | 7053 | 140 | 1.98% |
6 जुलाई | 7155 | 117 | 1.63% |
5 जुलाई | 5215 | 98 | 1.87% |
4 जुलाई | 6517 | 108 | 1.65% |
3 जुलाई | 6629 | 108 | 1.62% |
2 जुलाई | 7065 | 107 | 1.51% |
1 जुलाई | 7518 | 127 | 1.68% |
कुल | 47152 | 805 | 1.70% |
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.