गांजे की बिक्री शहरभर में हो रही है। गली-मोहल्ले-गुमटियों तक। इसे खरीदना सस्ता है, शायद यही वजह है कि इस सस्ते नशे को लेकर पुलिस का रवैया सुस्त है। पुलिस के रिकॉर्ड में 18 थाना क्षेत्रों में गांजे के 25 हॉट स्पॉट हैं। लेकिन इनमें से 15 में पिछले 9 महीने में एक भी कार्रवाई नहीं की गई।
पुलिस सुस्त है यही वजह है कि इन इलाकों से गांजे की बिक्री बेफिक्री से हो रही है। पुलिस के रिकाॅर्ड में इतवारा, छोला मंदिर दशहरा मैदान और नारियलखेड़ा गांजे के गढ़ हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर इलाकों में पुलिस जाने से परहेज करती है। थाना तलैया के इतवारा में गांजे का सबसे बड़ा कारोबार होता है। इतवारा गांजे की मंडी है, बावजूद इसके तलैया पुलिस ने पिछले नौ महीने में सिर्फ 127 ग्राम गांजा जब्त किया है। वहीं नारियलखेड़ा और छोला मंदिर दशहरा मैदान के पीछ भी गांजा तस्करों के ठिकाने हैं, लेकिन यहां पुलिस नौ महीने में 10 ग्राम गांजा भी जब्त नहीं कर पाई है। पुलिस ने 1 जनवरी से 17 सितंबर 2021 तक गांजे से जुड़े 40 मामले दर्ज किए जिसमें 65 लोगों को गिरफ्तार किया है।
सबसे बड़ा... कोलार पुलिस ने पकड़ा 230 किलो
सबसे छोटा... थाना तलैया में 127 ग्राम जब्त
सप्लाई... तस्कर प्रेम नगर-भानपुर में चलती ट्रेन सेे रात में लावारिस ब्रीफकेस फेंककर देते हैं गांजे की डिलीवरी
राजधानी में गांजे की सप्लाई सबसे ज्यादा ट्रेन से होती है। तस्कर ब्रीफकेस में गांजा भरकर नारियल खेड़ा के प्रेम नगर और भानपुर कचरा खंती के पास ट्रेन से उसे रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक देते हैं। आंध्रप्रदेश से नागपुर के रास्ते समता और दक्षिण एक्सप्रेस से सबसे ज्यादा गांजा सप्लाई होता है। प्रेम नगर में पटरी किनारे बैठे तस्कर कुछ घंटे दूर से इन ब्रीफकेस पर नजर रखते हैं। फिर इसे उठा ले जाते हैं। बाद में इसे छोटे-छोटे पैकेट्स में इतवारा और शहर के दूसरे तस्करों को पहुंचाते हैं। तस्कर गांजे को ब्रीफकेस में पैक कर, ट्रेन में लावारिस हालत में रखते हैं। इसकी निगरानी ट्रेन में बैठा तस्कर करता रहता है और डिलीवरी पॉइंट पर फेंक देता है।
पुलिस के पास 60 तस्करों के नाम
भोपाल में दो साल पहले चले नशे के विरुद्ध युद्ध अभियान में पुलिस को गांजा और चरस का कारोबार करने वाले 60 तस्करों के नाम और उनके ठिकाने की सूची सौंपी थी। इस मामले में बार-बार सरकार के फाॅलोअप लेने पर पुलिस ने गांजा-चरस की सबसे बड़ी मंडी इतवारा में 350 पुलिस जवानों की टीम के साथ इलाके की घेराबंदी कर छापामार कार्रवाई की थी। 50 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हुए थे। लेकिन, सूची में शामिल 60 गांजा कारोबारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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