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20 करोड़ से बना है यह हाट बाजार:शहर के बीच में ~5300 करोड़ की 342 एकड़ जमीन 7 साल से वीरान शहर के बीच में सात साल से वीरान

भोपाल4 महीने पहले
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राजधानी में पिछले सात साल से शहर के बीच में टीटी नगर की 342 एकड़ जमीन वीरान पड़ी है। कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से इस इलाके की रेसीडेंशियल जमीन की न्यूनतम कीमत 38,400 रुपए प्रति वर्ग मीटर है। एक एकड़ में 4046 वर्ग मीटर होते हैं। इस हिसाब से इस 342 एकड़ जमीन की कीमत 5300 करोड़ रुपए होती है।यहां स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एबीडी (एरिया बेस्ड डेवलपमेंट) के लिए लगभग 2000 परिवारों को शिफ्ट किया गया। लेकिन इन सात सालों में पूरे स्मार्ट सिटी एरिया में न तो एक भी मकान बना और न ही एक भी दुकान या कमर्शियल काॅम्प्लेक्स।

रोड नेटवर्क के नाम पर लगभग 2 किमी लंबी बुलेवर्ड स्ट्रीट बनाई गई और माता मंदिर से अपेक्स बैंक तक करीब 1 किमी सड़क बनी। इसके अलावा पूरे एरिया में एेसा कोई काम नहीं हुआ, जिसका लाभ आम जनता को मिल सका है।

पिलर में आने लगीं हैं दरारें

स्मार्ट सिटी एरिया की गुमठियों को व्यवस्थित करने के लिए 20 करोड़ से हाट बाजार बनाया है। लेकिन यहां गुमठियां शिफ्ट नहीं हुईं और अब पिलर में दिखने वाली दरारें इसकी निर्माण की क्वालिटी पर भी सवाल उठा रही है। 42 करोड़ से सिग्नेचर टॉवर के नाम से प्रस्तावित कॉम्प्लेक्स का काम नींव से ऊपर नहीं बढ़ सका।

पीपीपी पर काम करते तो यह हश्र न होता

पीडब्ल्यूडी के पूर्व चीफ इंजीनियर वीके अमर ने कहा कि टीटी नगर के रीडेंसीफिकेशन की योजना उन्होंने सबसे पहले 1983 में बनाई थी। 1998 और 1994 में फिर स्कीम बनी। बाद में हाउसिंग प्रोजेक्ट ने सेंटर प्वाइंट और प्लेटिनम प्लाजा बनाया, लेकिन गैमन प्रोजेक्ट फेल हो गया। बाद में 2005 में बीडीए ने पीपीपी पर सरकारी मकानों केे साथ नए डेवलपमेंट की योजना बनाई। पीपीपी पर यहां काम होता तो यहां सरकारी मकानों के बीच शहर नए सिरे से डेवलप होता।

अब पीएमएवाय के मकान बनाने की प्लानिंग
स्मार्ट सिटी एरिया में दो प्लॉट पर फ्लैट बनाने की प्लानिंग की थी, लेकिन कोई डेवलपर तैयार नहीं हुआ। अब यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान बनाने की बात की जा रही है।

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