राजधानी के भदभदा विश्राम घाट में 56 प्रजाति के 4500 पौधे रोपे जाएंगे। सोमवार सुबह 10 बजे सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह ने पौधा लगाकर इसकी शुरुआत की। 1200 वर्ग मीटर एरिया में रोपे जाने वाले पौधों की मिट्टी 21 डम्पर भस्म, मिट्टी गोबर, खाद, लकड़ी बुरादा, रेत मिलाकर तैयार की गई है। इस तरह यह देश का पहला कोविड स्मृति वन होगा। 7 जुलाई की शाम 5 बजे तक कोई भी व्यक्ति अपने पूर्वजों की याद में पौधा लगा सकते हैं।
कलेक्टर अविनाश लवानिया, नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी, पूर्व मुख्य सचिव एसके मिश्रा, ममता मिश्रा, समता अग्रवाल, पूर्व विधायक रमेश शर्मा, प्रमोद चुग एवं कोरोना से मृत लोगों के परिजनों ने भी पौधे रोपे।
जापानी पद्धति मियावाकि से लगाने से जल्द बड़े होंगे पौधें
भदभदा विश्राम घाट के अध्यक्ष अरुण चौधरी ने बताया कि कोविड काल में दिवंगतों की यादों को सहेजने के लिए इस स्मृति वन को विकसित कर रहे हैं। यहां पर मृतकों के परिजन आकर पौधे रोपे। पौधों के पेड़ बनने तक की सेवा प्रबंधन द्वारा की जाएगी। उन्होंने बताया कि जापानी पद्धति मियावाकि से पौधे लगाने पर आसपास के वातावरण का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। गर्मी में भी पौधे हरे रहते हैं। इस तकनीक से पौधे लगाने पर पौधों की वृद्धि दोगुनी गति से होती है और आसपास के तापमान में भी 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट होती है। 5 एवं 7 जुलाई तक पौधे रोपे जाएंगे।
भस्म, मिट्टी, गोबर खाद, बुरादा, गोकाष्ठ से तैयार की गई जमीन
भदभदा समिति के कोषाध्यक्ष अजय दुबे ने बताया कि पौधारोपण की शुरुआत सोमवार से हो गई, जो 7 जुलाई तक अनवरत जारी रहेगी। समिति के सचिव मम्तेश शर्मा ने कहा कि कोविड काल के दौरान जिन दिवंगत आत्माओं का दाह संस्कार भदभदा विश्राम घाट में हुआ था और परिस्थितियों वश परिजन पूरी भस्म नहीं ले जा पाए थे। उस भस्म, मिट्टी, गोबर खाद, लकड़ी बुरादा, रेत, पेड़ों की पत्तियां, गोकाष्ठ का बुरादा जैसी चीजों को मिलाकर जमीन को तैयार किया गया है।
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