'शाम के 5 बजे होंगे। मैं अपने घर के बाहर खड़ी थी और बाहर कुछ बच्चे खेल रहे थे। इस दौरान बच्ची सुहानी गुजर रही थी। तभी कार के नीचे बैठा कुत्ता सुहानी पर लपक गया। कुत्ते के अटैक से सुहानी लहूलुहान हो गई। अटैक इतना तेज था कि उसकी एक आंख की पलक ही लटक गई। मुंह पर भी जख्म हो गए। मैं, पड़ोसी महेंद्र दौड़े और कुत्ते को भगाकर सुहानी को बचाया। फिर तुरंत लहूलुहान बच्ची को गाड़ी में बैठाकर हॉस्पिटल लेकर आए। शुक्र है, सुहानी अब ठीक है। यदि समय पर इलाज नहीं मिलता तो जान भी जा सकती थी'।
यह कहना है कि बांसखेड़ी कोलार में रहने वाली समाजसेवी नीलम मिश्रा का। वे उसी जगह रहती हैं, जहां 7 साल की सुहानी कुशवाह को कुत्ते ने नोंच दिया था। वे घटना की चश्मदीद भी हैं। दैनिक भास्कर ने चश्मदीदों से बात की और घटना को जानने की कोशिश की। मिश्रा कहती हैं - अगले दिन सुबह कुत्ते को नगर निगम की टीम ने पकड़ लिया। वह दूसरे बच्चों पर भी हमला करने दौड़ रहा था।
एक और चश्मदीद महेंद्र ने बताया - कुत्ते ने बच्ची को बुरी तरह से जख्मी कर दिया था। मासूम का मुंह लहूलुहान हो गया था। तुरंत हॉस्पिटल लेकर पहुंचे और इलाज शुरू हुआ। बच्ची अब ठीक है, यह अच्छी खबर है।
हालत ठीक, लेकिन जख्म गहरे
मासूम सुहानी की हालत अब खतरे से बाहर है, लेकिन कुत्ते ने उसे गहरे जख्म दिए हैं। वह अभी भी खौफ में है। मां-पिता और बहनें उसका दिल बहला रही हैं। जिस आंख पर कुत्ते ने हमला किया, उसका ऑपरेशन भी हो चुका है। वह डॉक्टरों की निगरानी में है। उधर, मोहल्ले वाले भी खौफ में है। हालांकि, नगर निगम ने यहां से कुछ कुत्ते पकड़े हैं, लेकिन अभी भी कई स्ट्रीट डॉग्स यहां हैं।
बड़ी बेटी को भी उसी कुत्ते ने काटा था
सुहानी के पास उसके पिता शिवकुमार कुशवाह, मां और बहनें हैं। तीन बहनों में सुहानी मंझली है। उसकी 11 वर्षीय बड़ी बहन सोहना को दो दिन पहले ही इसी कुत्ते ने काटा था। पिता ने इस संबंध में नगर निगम को शिकायत भी की थी। इसके बाद निगम की टीम कुत्ता पकड़ने गई, लेकिन बस्ती वाले ही विरोध करने लगे। इसके चलते कुत्ता नहीं पकड़ा जा सका था। इसके दो दिन बाद मंझली बेटी को भी कुत्ते ने काट लिया।शिवकुमार ने बताया, वह मजदूरी करता है। मूलत: सतना के बिहरा गांव का रहने वाला है। उसका भाई भी यही रहता है।
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