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  • 77% Accidents In The Capital's Urban Area; Of These, 45 Percent Occurred After 6 P.m.; 58% Did Not Wear Helmet seat Belt

6 महीने में 1415 हादसे:77% हादसे राजधानी के शहरी क्षेत्र में; इनमें 45 प्रतिशत शाम 6 के बाद हुए; 58% ने नहीं पहना था हेलमेट-सीट बेल्ट

भोपाल6 महीने पहले
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राजधानी में हाईवे और ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी इलाकों में अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। - Dainik Bhaskar
राजधानी में हाईवे और ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी इलाकों में अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।

राजधानी में हाईवे और ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी इलाकों में अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। बीते छह महीने में राजधानी में 1415 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, इनमें से 23% ग्रामीण क्षेत्रों और हाईवे पर हुई हैं। यह खुलासा जय अंबे इमरजेंसी सर्विस एंबुलेंस 108 ने ट्रामा केसेज के एनालिसिस से किया हैं। इसके मुताबिक दुर्घटना वाले टॉप 5 इलाकों में से 4 शहरी क्षेत्र के हैं। इनमें भी सर्वाधिक 19% हादसे जेपी हॉस्पिटल के क्षेत्र में हुए हैं।

वहीं अशोका गार्डन, भदभदा से रातीबड़, कोहेफिजा से हमीदिया अस्पताल तक मार्ग पर भी ज्यादा एक्सीडेंट हुए हैं। ग्रमाीण इलाकों में बैरसिया इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है। वहीं इस एनालिसिस के मुताबिक बीते 6 महीने में हुए 45% एक्सीडेंट शाम 6 बजे से रात 12 बजे के बीच हुए हैं। जबकि रात 12 से सुबह 6 बजे तक 7% सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इन दुर्घटनाओं के दौरान 58% ने हेलमेट या सीट बेल्ट नहीं पहनी था।

किस जोन में कितने एक्सीडेंट हुए
जेपी हॉस्पिटल जोन में 66, बैरसिया में 34, अशोका गार्डन में 26, रातीबड़ 21, कोहेफिजा से हमीदिया अस्पताल जोन में 20, बाग सेवनिया में 19, काटजू अस्पताल में 18, अवधपुरी में 17, मिसरोद में 16, कोलार में 15, ईटखेड़ी में 13, आनंद नगर में 12, श्यामला हिल्स में 11, हुजूर में 10, बैरागढ़ में 10, आमला के पास 9, ऐशबाग और नजीराबाद में 6-6, हनुमानगंज और परवलिया में 5-5, गांधी नगर के साथ खजूरी और एमपी नगर क्षेत्र में 3-3 हादसे हुए हैं।

17 से बढ़कर 48 हुई एंबुलेंस

"शहर में 6 माह पहले तक 17 एंबुलेंस थी, जिनकी संख्या बढ़कर अब 48 हो गई है। इसी कारण अब 25 मिनट की बजाय 18 मिनट में यह पहुंच जाती हैं। सर्वाधिक दुर्घटनाएं शाम 6 से रात 12 बजे के बीच होती हैं।"

-तरुण सिंह परिहार, मार्केटिंग हेड, जय अंबे इमरजेंसी सर्विस