हाई प्रोफाइल पार्टियों में उपयोग किए जाने वाला MD ड्रग्स भोपाल में फिर पकड़ा गया है। इस बार तस्करों ने इसे बेचने का तरीका ही बदल दिया है। वे नशा करने वाले से ही इसकी सप्लाई करा रहे थे। लड़कियां उसकी कस्टमर थीं। पूरा धंधा वाट्सऐप से चलता था। पकड़ा गया आरोपी खुद भी नशे में धुत था। ऐसे में पुलिस उससे कोई खास जानकारी हासिल नहीं कर पाई है। पुलिस आरोपी के बारे में पता लगा रही है।
मामले की जांच कर रहे शाजहांनाबाद थाने के SI राघवेंद्र सिंह ने बताया कि शनिवार दोपहर दुर्गा नगर इलाके में एक संदिग्ध के होने की सूचना मिली थी। उस पर पहले से ही MD ड्रग्स सप्लाई करने का संदेह था। दोपहर करीब ढाई बजे से आरोपी पर नजर रखना शुरू किया। उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के बाद ड्रग्स संदेही के पास होने की पुष्टि होने पर देर शाम उसे हिरासत में ले लिया। उसके पास से MD ड्रग्स की एक पैकेट मिला। इसमें उसने एक-एक ग्राम अलग रखा था। नशे में धुत होने के कारण वह ठीक से कुछ नहीं बता पा रहा था। रात को पूछताछ के दौरान उसने सिर्फ इतना बताया कि उसका नाम अकील अहमद है। वह टीलाजमालपुरा में रहता है। वह प्राइवेट जॉब करता है।
लड़कियों को सप्लाई करता है
पूछताछ में बताया कि उसके ज्यादातर ग्राहक लड़कियां हैं। वह कोहेफिजा और शाजहांनाबाद इलाके में इसकी सप्लाई करता है। यह पूरा वाट्सऐप के माध्यम से डीलिंग होती है।
साथियों का खुलासा नहीं किया
पूछताछ के दौरान आरोपी के नशे में धुत होने के कारण उससे ज्यादा पूछताछ नहीं की जा सकी। इस कारण पुलिस ड्रग्स की सप्लाई चेन के बारे में पता नहीं लगा पाई। आरोपी यह ड्रग्स कहां से लाया और कहां सप्लाई करता था। इसका पता नहीं चल पाया। पुलिस के इन्हीं सवालों से बचने के लिए तस्कर अब ऐसे लोगों से यह सप्लाई करवा रहे हैं, जो खुद ही नशे में रहते हैं।
एक ग्राम करीब 2.5 हजार कीमत की
पुलिस द्वारा पकड़ा गया ड्रग्स MD है। आरोपी अकील ने MD ड्रग्स की गोलियां पीसकर इसका पाउडर बनाया था। एक ग्राम ड्रग्स ही किसी को भी 5 से छह घंटे तक सपनों की दुनिया में बनाए रखने के लिए काफी है। ज्यादा डोज से मौत भी हो सकती है। पाउडर होने पर इसे नाक और जीभ पर रखाकर नशे के रूप में लिया जाता है। एक ग्राम डोज की कीमत करीब ढाई हजार रुपए तक होती है।
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