राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली देने वाला कालीचरण पुलिस गिरफ्त में है। उसका 2020 का भोजपुर में शिव तांडव स्तोत्रम गाने का एक वीडियो काफी चर्चित है। इस वीडियो को देखने के बाद बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने कहा था- इसे सुनकर रोंगटे खड़े हो गए।
कालीचरण ने छत्तीसगढ़ में धर्म संसद में गांधीजी को अपशब्द कहे थे। रायपुर पुलिस ने उसे मध्यप्रदेश के खजुराहो से गुरुवार को गिरफ्तार किया था। महाराष्ट्र में अकोला में शिवाजी नगर का रहने वाला कालीचरण महज 8वीं तक पढ़ा है। उसने राजनीति में भी हाथ आजमाया। इसके साथ ही इंदौर के आश्रम से उसके 'महाराज' बनने की कहानी शुरू हुई।
महाराष्ट्र में पैदा हुआ, इंदौर में रहा
भावसार समाज से आने वाले कालीचरण का असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है। पिता धनंजय सराग और मां सुमित्रा सराग हैं। साधारण परिवार से आने वाला कालीचरण के पिता धनंजय सराग की अकोला के जयन चौक में मेडिकल शॉप है। उसकी पढ़ाई शहर के पेठ इलाके के टाउन जिला परिषद स्कूल में हुई है। कालीचरण को करीब से जानने वालों का कहना है कि महाराज ने कई धर्मग्रंथों का अध्ययन किया है।
अभिजीत से कालीचरण और महाराज बनने का सफर
अभिजीत का बचपन से ही झुकाव अध्यात्म की ओर था। उसमें भी वह कालीमाता की पूजा करता था। समय के साथ उसका अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ता गया। फिर वो स्वयंभू कालीपुत्र 'कालीचरण' बन गया। आर्थिक तंगी के चलते उसे उसकी मौसी के घर यानी इंदौर भेज दिया गया, इसलिए उसकी मराठी के साथ ही हिन्दी भाषा पर अच्छी पकड़ है। इंदौर में वह भय्यू महाराज के आश्रम में जाने लगा और उनका करीब हो गया। यहीं से उसके नए नाम से 'महाराज' जुड़ा।
खुद को काली माता का पुत्र और भक्त बताता है
'कालीचरण कहता है कि वह महाराज नहीं, बल्कि 'काली माता' का भक्त और पुत्र है। वह स्वयं को अगस्त्य मुनि का शिष्य मानता है। एक इंटरव्यू में उसने कहा था कि बचपन में हुए एक्सीडेंट में उसका पैर टूट गया था। इसके बाद स्वयं काली माता ने आकर उसे ठीक किया था। वह बार-बार किस्सा भी सुनाता है कि माता काली उनके सपने में आती है। 45 साल के कालीचरण के 6000 से अधिक शिष्य हैं।
अनुपम खैर का पोस्ट
माथे पर लाल बिंदी लगाता है कालीचरण
कई साल तक इंदौर में रहने के दौरान कालीचरण ने एक अनूठी वेशभूषा अपनाई और जल्द लोगों में फेमस हो गया। कालीचरण हमेशा खुले बाल रखता है और माथे पर लाल रंग की बड़ी बिंदी लगाता है। वह आमतौर पर लाल रंग के कपड़े पहनता है। हल्की दाढ़ी, रुद्राक्ष की माला उसकी पहचान में शामिल हैं। कालीचरण अपनी फिटनेस को मेंटेन करने के लिए रोजाना जिम में वर्कआउट भी करता है। सोशल मीडिया पर इसके नाम से कई पेज बने हैं और उनमें लाखों फॉलोवर हैं।
चुनाव मैदान में आजमाई किस्मत
कालीचरण ने 2017 में हुए अकोला नगर निकाय चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी। हालांकि, इस चुनाव में उसकी हार हुई थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में अकोला पश्चिम सीट से उसकी उम्मीदवारी को लेकर बड़ी चर्चा थी। हालांकि, उसने चुनाव नहीं लड़ा। उसका कहना है कि भविष्य में वह गोरक्षा, 'गो' सेवा जैसे रचनात्मक कार्य करेगा।
शिव तांडव स्तोत्रम से ऐसे आया चर्चा में
कालीचरण महाराष्ट्र अकोला में हर साल कांवड़ यात्रा में हिस्सा लेता है। कालीचरण 2020 में उस समय चर्चा में आया था, जब उसने मध्यप्रदेश के भोजपुर में शिव तांडव स्तोत्रम गाया था। इसे अमरीश रॉय सहित मंदिर में मौजूद लोगों ने मोबाइल में कैद कर लिया। इसे लोगों ने सोशल मीडिया पर पाेस्ट कर दिया। कालीचरण ने शिव तांडव स्तोत्रम बिना किसी म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट के गया था। फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने तो इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा था - भक्ति गीत, भारत में कहीं प्राचीन मंदिरों में से एक इस भक्त के शक्तिशाली और भावपूर्ण गायन को सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। कमाल का गाया" लिखा है।
रावण ने रचा था शिव तांडव स्त्रोत
रावण भगवान शिव का एक महान भक्त था। वह दक्षिण से इतनी लंबी दूरी तय कर के कैलाश आया। वो शिव की प्रशंसा में स्तुति गाने लगा। उसके पास एक ड्रम था, जिसकी ताल पर उसने तुरंत ही 1008 छंदों की रचना कर डाली, जिसे शिव तांडव स्तोत्रम के नाम से जाना जाता है।
भोजपुर मंदिर की खासियत
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 20 किमी दूर स्थित भोजपुर मंदिर दुनियाभर में फेमस है। मान्यता है कि इस शिव स्तुति के लिए इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था। मंदिर में स्थापित शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि यह एक ही पत्थर से बना दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है। शिवलिंग 7.5 फीट लंबा और 17.8 फीट परिधि वाला है।
रायपुर में धर्म संसद में की थी महात्मा गांधी को लेकर टिप्पणी
रायपुर में हुई धर्म संसद के समापन के दिन शनिवार को महाराष्ट्र से आए कालीचरण ने मंच से गांधीजी के बारे में अपशब्द कहे थे। उन्होंने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है। सन् 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया।
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