मार्च महीने के आखिरी दिन यानि 31 मार्च को प्रदेश की राजधानी में देर रात तक शराब बिकती रही, इस बात का खुलासा दैनिक भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ। यूं तो पुलिस और आबकारी अमले के रिकाॅर्ड में शराब दुकानें गुरुवार रात साढ़े 11 बजे ही बंद हो गई थीं। वित्तीय वर्ष का आखिरी दिन था, इसलिए आबकारी अमले ने शराब दुकानों पर रात 11.30 बजे दबिश देकर स्टॉक रिकॉर्ड भी तैयार किया और दुकानें बंद करा दीं। बावजूद इसके लाइसेंसी शराब दुकानों से रात 3 बजे तक शराब की खरीदी-बिक्री का दौर चलता रहा। खास बात यह है कि ये सबकुछ चुपके से, दुकान की विंडो से नहीं हुआ। बल्कि वाइन शॉप्स के मैन काउंटर से हुआ। वह भी आबकारी अमले और पुलिस की मौजूदगी में। जिसका खुलासा हमारे स्टिंग में हुआ।
स्थान- वाइन शॉप, भारत टॉकीज रोड, समय- रात 11.15 बजे
वाइन शॉप के काउंटर पर सुरा शौकीनों की भीड़ है। वाइन खरीदने वालों के बीच दो पुलिस कर्मचारी खड़े हैं। दोनों के बीच चर्चा- 45 मिनट बाद दुकान का शराब लाइसेंस निरस्त होने को है। अब तक इस दुकान का संचालन शिवहरे ग्रुप करता है। 1 अप्रैल से यहां शराब बेचने का लाइसेंस सोम ग्रुप को मिला है। लाइसेंस खत्म होने के बाद शॉप में रखी वाइन की बिक्री पर रोक होने के कारण वाइन शॉप कर्मचारी ग्राहकों को उनकी डिमांड के अनुसार मांगे गए ब्रांड की शराब डिस्काउंट पर बेच रहे हैं।
रात 11.30 बजे
वाइन शॉप के बाहर ग्राहकों के बीच खड़े दोनों पुलिस कर्मचारी काउंटर पर पहुंचते हैं। शराब बिक्री का टाइम पूरा होने का हवाला देते हुए काउंटर मैनेजर को दुकान बंद करने का निर्देश देते हैं। मैनेजर और उसके तीन कर्मचारी काउंटर पर मौजूद ग्राहकों को उनकी डिमांड के अनुसार तेजी से शराब दे रहे हैं। पुलिस कर्मचारी नाराज होते हैं। वाइन शॉप के सिक्योरिटी गार्ड को दुकान का शटर बंद करने का निर्देश देते हैं। जिसके बाद वो दुकान का शटर बंद कर देता है। वाइन खरीद पाने में नाकाम रहे ग्राहक मायूस होकर सिक्योरिटी गार्ड से कुछ बोतल शराब दिलवाने की गुहार लगाते हैं। गार्ड पुलिस का डर दिखाकर ग्राहकों को घर जाने को कह देता है।
रात 11.45 बजे
अल्पना टॉकीज की ओर से एक सफेद कार आती है। इस गाड़ी में से खाकी वर्दी में एक महिला अफसर और उसका मातहत कर्मचारी निकलता है। दोनों तेजी से शराब दुकान की शटर के सामने पहुंचते हैं। सिक्योरिटी गार्ड को दुकान में मौजूद मैनेजर से बात कराने को कहती है। गार्ड, दुकान खुलवाता है। कार से उतरकर दुकान पर पहुंची महिला खुद को आबकारी अधिकारी बताती है। काउंटर मैनेजर से लाइसेंस खत्म होने की बात कहती है। आबकारी अधिकारी के साथ आया कर्मचारी, शॉप में उपलब्ध स्टॉक का रिकाॅर्ड तैयार कर, जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करता है। तभी अचानक एक अप्रैल से शराब दुकान के संचालन का जिम्मा लेने वाली कंपनी सोम ग्रुप के चार कर्मचारी वाइन शॉप पर पहुंचकर, महिला आबकारी अधिकारी को दुकान का कब्जा दिलाने की मांग करते हैं। दोनों के बीच बातचीत का दौर शुरू होता है।
सुबह साढ़े 8 बजे लगाना अपना ताला
सोम ग्रुप के कर्मचारी रात 12.10 बजे वाइन शॉप पर मौजूद आबकारी अफसरों को शराब दुकान पर अपना ताला लगाने का प्रस्ताव देते हैं। जिसे महिला आबकारी अमला खारिज कर देता है। अफसर इसके पीछे काउंटर मैनेजर को शराब के स्टॉक काउंट करने और बिकी हुई शराब से मिली नकदी को व्यवस्थित करने का हवाला देते हैं। करीब 10 मिनट तक आबकारी अफसरों की टीम, सोम ग्रुप के कर्मचारियों और वाइन शॉप काउंटर के कर्मचारियों के बीच दुकान पर ताला लगाने को लेकर बात होती है। आबकारी अमला शुक्रवार सुबह 11.30 बजे शॉप काउंटर हैंड ओवर करने के निर्देश देकर चला जाता है। इसके पांच मिनट बाद दोबारा वाइन शॉप काउंटर खुलता है और मैनेजर कुछ खरीदारों को मांगे गए ब्रांड की शराब बेचना शुरू कर देता है। इस पर सोम ग्रुप के कर्मचारी आपत्ति लेते हैं। इसके बाद शराब दुकान बंद हो जाती है।
पुलिस कर्मचारी ने 700 रु में कराया बियर की आधी पेटी का सौदा
वाइन शॉप पर शराब खरीदने पहुंचे ग्राहकों के बीच मौजूद अंडर कवर भास्कर रिपोर्टर, दुकान बंद कराने आए पुलिस कर्मचारियों में से एक अफसर से शराब मिलने का रास्ता पूछता है। तपाक से जवाब मिलता है - बियर मिलेगी। 1400 रुपए की एक पेटी। रिपोर्टर कहता है - हमें तो आधी पेटी दिलवा दो। 700 रुपए में। पुलिस कर्मचारी, वाइन शॉप के सिक्योरिटी गार्ड को बुलाता है। 100 रुपए अलग से देने की शर्त पर बंद वाइन शॉप से बियर की आधी पेटी देने को कहता है। इसके लिए 500 रुपए भी सिक्योरिटी गार्ड को रिपोर्टर से दिलवा देता है। लेकिन, शॉप के बाहर मौजूद सोम ग्रुप के कर्मचारी शराब दुकान का काउंटर नहीं खुलने देते। वो कहते हैं अभी मंगलवारा वाइन शॉप खुली हुई है। वहां से ले लो। वहां भी हमारा लाइसेंस हुआ है। लेकिन, उस दुकान को बंद कराने हम अभी नहीं जा रहे। सिक्योरिटी गार्ड भी बियर की आधी पेटी दिलवाने के लिए एडवांस में लिए 500 रुपए वापस कर देता है।
रात 12.45 बजे काउंटर खुला… शराब की बिक्री दोबारा शुरू
भारत टॉकीज रोड वाइन शॉप के लाइसेंसी शिवहरे ग्रुप के सीनियर मैनेजर की टीम वाइन शॉप पहुंचती है। सीनियर मैनेजर फोन पर अपने दूसरे काउंटर्स का अपडेट ले रहे हैं। साथ आए दूसरे कर्मचारी वाइन शॉप के काउंटर पर पदस्थ मैनेजर को वाइन सेल रिकाॅर्ड बनाने के निर्देश देकर दुकान खुलवा देते हैं। कुछ ही देर में दुकान का शटर डाउन हो जाता है। तभी बाइक से आबकारी अमला और पुलिस दुकान पर पहुंचती है। बाहर खड़े मैनेजर से बातचीत करने में व्यस्त हो जाती है। रिपोर्टर, आबकारी अमले और पुलिस कर्मचारियों से शराब बिक्री के बारे में पूछता है। जवाब मिलता है - क्या चाहिए । रिपोर्टर - दादा, जो दिलवा दो। वही ले लेंगे अब। तभी वाइन शॉप में मौजूद एक मैनेजर दुकान की शटर खोलकर बाहर निकलता है। रिपोर्टर शिवहरे ग्रुप के मैनेजर से कहता है- कल से दूसरे बेचेंगे। पैसे लो और दिलवा दो। जवाब - ले लीजिए। काउंटर से। करीब पांच मिनट की मशक्कत के बाद आबकारी और पुलिस अमले की मौजूदगी में रात 12.45 बजे रिपोर्टर वाइन शॉप काउंटर से शराब खरीद लेता है।
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