लाऊखेड़ी में करीब 20 फीट गहरे सीवेज चैंबर में हुई इंजीनियर और मजदूर की मौत के मामले की जांच रिपोर्ट आ गई है। नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी मंगलवार को रिपोर्ट संभागायुक्त और निगम प्रशासक गुलशन बामरा को सौंप दी। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इंजीनियर और मजदूर बिना सिक्योरिटी इक्युपमेंट के थे। कंपनी ने इन्हें इक्युपमेंट दिए ही नहीं थे। इस लापरवाही की वजह से दोनों की जान चली गई। इसके बाद संभागायुक्त ने यह रिपोर्ट मंत्री भूपेंद्र सिंह को सौंपी। रिपोर्ट मिलते ही मंत्री ने पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर को कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
13 दिसंबर को लाऊखेड़ी में हुए हादसे के कुछ देर बाद ही मंत्री भूपेंद्र सिंह ने संभागायुक्त बामरा को 24 घंटे के भीतर जांच कराकर रिपोर्ट देने का कहा था। उन्होंने निगम कमिश्नर कोलसानी से जांच कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कोलसानी ने कमेटी बनाई और जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में ही अंकिता कंट्रक्शन की बड़ी लापरवाही सामने आई थी, क्योंकि इंजीनियर और मजदूर बिना सुरक्षा उपकरणों के मेन होल का मेजरमेंट कर रहे थे।
मेन होल की गहराई 19 फीट से ज्यादा
निगम कमिश्नर ने रिपोर्ट में बताया कि अहमदाबाद (गुजरात) की अंकिता कंट्रक्शन कंपनी अमृत योजना (सीवेज) के तहत भोपाल शहर के वार्ड-6 लाऊखेड़ी में करीब 37 मीटर सीवरेज लाइन बिछा रही है। कंपनी के इंजीनियर दीपक कुमार सिंह और मजदूर भारत सिंह इसका मेजरमेंट करने गए थे। मेन होल क्रमांक- 35/27 की गहराई 5.9 मीटर यानी 19.35 फीट है। इसमें इंजीनियर और मजदूर की मौत हुई है। दीपक सिरसिया कुशीनगर UP और भारत सिंह पीपलीपाड़ा झाबुआ MP के रहने वाले थे।
बिना सुरक्षा इंतजाम के घुस गए
इंजीनियर और मजदूर की मौत बिना सुरक्षा इंतजाम के मेन होल में घुसने और जहरीली गैस के कारण हुई है। मेन होल से निकाले गए दोनों कर्मचारियों के पास ऐसे कोई उपकरण नहीं मिले, जो जान बचा सकें। कंपनी ने भी दोनों को इक्युपमेंट उपलब्ध नहीं कराए थे। ऐसे में मौत के पीछे की वजह सुरक्षा मानकों में कमी सामने आई है। रिपोर्ट के साथ गांधी नगर थाने में कंपनी के विरुद्ध की गई शिकायत, सीवरेज प्रकोष्ठ इंचार्ज संतोष गुप्ता की कॉपी भी दी गई।
मंत्री ने लिखा- कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध केस हो
निगम कमिश्नर कोलसानी द्वारा संभागायुक्त बामरा को दी गई रिपोर्ट मंत्री को सौंपी गई। इसके बाद मंत्री सिंह ने पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर को पत्र लिखा, जिसमें कमिश्नर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अंकिता कंट्रक्शन कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध गंभीर अपराध और नाबालिग मजदूर को रखे जाने के संबंध में केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
10-10 लाख रुपए की मदद और कंपनी पर पेनाल्टी लगाए
मंत्री सिंह ने नगर निगम कमिश्नर को भी पत्र लिखा है। इसमें कहा है, मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की सरकारी मदद दी जाए। अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरुद्ध पेनाल्टी लगाई जाए।
(निगम कमिश्नर द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की कॉपी भास्कर के पास उपलब्ध है)
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