भोपाल में रेप का आरोपी जेल से छूटते ही वाहन चोरी करने लगे। खास बात यह है कि जिस कोर्ट ने जेल भेजा उसी कोर्ट से गाड़ी भी चुराई। चोरी की यह कला उसने जेल में सीखी। मास्टर चाबी या फिर लॉक तोड़कर महज एक मिनट के अंदर ही बाइक चोरी कर लेते थे। पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने खेत में झोपड़ी बनाकर बाइक छिपा रखी थीं। पुलिस ने चोरी करने वाले दो आरोपियों के साथ चोरी की गाड़ी खरीदने वाले को भी गिरफ्तार किया है। अब तक आरोपियों से चोरी की 8 बाइक जब्त हो चुकी हैं।
क्राइम ब्रांच के ASP गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि एक संदिग्ध के बिना नंबर की बाइक को कम पैसों में बेचने की फिराक में घूमने की सूचना मिली थी। टीम ने तरावली जोड ईमलिया चौकी बैरसिया के आगे संदिग्ध को हिरासत में ले लिया। आरोपी की पहचान बैरसिया निवासी 30 साल के भूरा पिता लालमिया के रूप में हुई। आरोपी के पास गाड़ी के कागजात नहीं होने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने जब्त गाड़ी न्यायालय से चोरी करना बताया। इसके अलावा विदिशा में कोर्ट, जनपद पंचायत, एलआईजी आफिस, बस स्टैंड के बाहर से बाइक चोरी की थीं।
झोपड़ी में रखता था बाइक
उसने बताया कि वह चोरी के बाद सीधे घर के पास खेत में झोपड़ी में गाड़ी रख देता था। उसने राजगढ़ में रहने वाले फूलसिंह मीणा और फूलसिंह तवर को एक-एक बाइक बेची। पुलिस ने भूरा की निशानदेही पर ग्राम दुगाडिया खेत पर बनी झोपड़ी से दो पहिया 5 गाड़ियां जब्त की। फूल सिंह तवर और फूलसिंह मीणा से भी चोरी के वाहन जब्त किए।
चोरी का तरीका
मास्टर या डुप्लीकेट चाबी से पहले लॉक खोलने का प्रयास करते थे। लॉक नहीं खुलने पर हैंडल को झटकार देकर लॉक तोड़ देते थे। कुछ दूरी पर ले जाकर गाड़ी की नंबर प्लेट भी निकालकर तोड़कर फेंक देते थे। झोपड़ी में गाड़ी पहुंचाने के बाद दूसरे शहरों में जाकर ग्राहकों को खोजते थे। सौदा पटने के बाद वह उसे बेच देते थे।
इन गाड़ियों को बनाते थे निशाना
आरोपियों ने बताया कि वे मुख रूप से बड़े ऑफिस और न्यायालय परिसर को ही निशाना बनाते थे। ऐसी जगह पर लोग ज्यादा देर के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां गाड़ियों और लोगों की संख्या इतनी अधिक होती है कि कोई किसी पर ध्यान नहीं देता। व्यक्ति के बाइक पार्क करते ही उसे चुरा लेते थे। क्योंकि गाड़ी पार्क होने के बाद कम से कम 10 मिनट का सबसे सेफ समय रहता है।
आरोपी
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