भोपाल में सीवरेज टैंक में इंजीनियर के साथ मरने वाले युवक की कहानी रुला देने वाली है। कहने को वह मजदूर था, लेकिन उसका ख्वाब अफसर बनने का था। पिता की आर्थिक तंगी की वजह से उसे इस काम के लिए जाना पड़ा। (पिपली) झाबुआ का रहने वाला भारत सिंह 11वीं का स्टूडेंट था। एग्जाम नजदीक हैं। उसे रिवीजन के लिए कुछ किताबों की जरूरत थी।
पिता शैतान सिंह भोपाल में मजदूरी करते हैं। उन्होंने उसे यहां बुला लिया था। कहा कि यहीं आजा, किताबें भी दिला दूंगा और कुछ दिन साथ भी रह लेना। भारत 2 दिसंबर को भोपाल आया था। वह चाहता था कि पापा को किताबों का खर्च नहीं उठाना पड़े, इसलिए 13 दिसंबर को चैंबर के काम के लिए गया था। लाऊखेड़ी इलाके में 20 फीट गहरे सीवरेज चैंबर में गिरने से इंजीनियर दीपक सिंह और भारत सिंह की मौत हो गई थी।
बड़ा बेटा था भारत
शैतान सिंह गांधीनगर इलाके में अपने रिश्तेदारों के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि दो बेटों में भारत बड़ा बेटा था। वह हमेशा कहता था कि पापा पढ़-लिखकर अफसर बनूंगा। बेटे की पढ़ाई में पैसों की कमी आड़े नहीं आए, इसलिए मैं मजदूरी करने भोपाल आ गया था। एक दिन भारत ने फोन करके बताया था कि रिवीजन के लिए कुछ किताबें खरीदनी हैं। ऐसे में मैंने उसे भोपाल बुला लिया था।
शैतान सिंह के साथ रहने वाले कुछ लोग अंकिता कंस्ट्रक्शन में काम करने जाते हैं। भारत ने भी सोचा कि पिता पर आर्थिक बोझ नहीं पड़े, इसलिए वह भी काम पर जाने लगा। शैतान सिंह ने बताया कि सोमवार को वह खाना खा रहा था। इसी बीच इंजीनियर दीपक सिंह उसके पास पहुंचे। दीपक उसे साइट पर लेकर चले गए। थोड़ी देर बाद बेटे की मौत की खबर आई।
इंजीनियर दीपक सिंह के परिजन शाम को पहुंचेंगे
घटना में इंजीनियर दीपक सिंह की भी मौत हो गई है। उनका शव पुलिस ने मॉर्चुरी में रखवा दिया है। दीपक के रिश्तेदारों ने बताया कि उनके परिजन सिरसिया, कुशीनगर से भोपाल आने के लिए सोमवार देर रात रवाना हो गए हैं। मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे तक भोपाल पहुंच जाएंगे। इसके बाद ही उनका पीएम होगा। दीपक पांच साल से इस कंपनी में काम कर रहे थे।
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