कांच के टुकड़े को मोबाइल बताकर ठगी करने वाले मेरठ के तीन जालसाजों को अशोका गार्डन पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गैंग के सदस्य ठगी करने के लिए 50 हजार रुपए कीमती मोबाइल राह चलते लोगों को दिखाकर 10 रुपए का कांच का टुकड़ा थमाकर फरार हो जाता है। आरोपियों ने राजस्थान के जयपुर, कोटा, भुवनेश्वर (उड़ीसा), भोपाल में वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस गैंग से पूछताछ कर रही है। आरोपी 18 जनवरी को भोपाल पहुंचे। वह होटल में रूम लेकर ठहरे हुए थे। वारदात के लिए 800 रुपए प्रतिदिन के हिसाब किराए पर स्कूटर ले रखी थी। पकड़े गए जालसाजों की पहचान मोहम्मद दानिश (28) निवासी हुमायूं नगर मेरठ, सियाजुद्दीन उर्फ साजू (32) व नाजिम मलिक (27) के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से होटल के कमरे से 45 मोबाइल के कवर, 15 मोबाइलनुमा कांच के टुकड़े, मोबाइल दुकान के खाली बिल बरामद किए हैं।
वारदात का यह तरीका
गैंग वारदात के इरादे से भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में घूमती है। राह चलते लोगों को रोककर गैंग के सदस्य बताते हैं कि उन्हें इलाज के लिए पैसे की जरूरत है। इसलिए उन्हें अपना मोबाइल बेचना है। सामने वाले व्यक्ति को वह 50-60 हजार रुपए कीमती असली मोबाइल दिखाते हैं। यह मोबाइल वह 4 से 5 हजार रुपए में देने का सौदा करते हैं। सौदा तय होने के बाद मोबाइल खरीदार को दे देते हैं। इसी बीच गैंग का दूसरा सदस्य यह कहकर डील कैंसिल कर देता है कि इतने सस्ते में मोबाइल नहीं बेचेगा।
वह खरीदार से मोबाइल वापस ले लेता है। फिर 100-200 रुपए मोबाइल का और दाम बढ़ाकर मांगते हैं। सामने वाला व्यक्ति मोबाइल खरीदने के लिए राजी हो जाता है। तभी गैंग का सदस्य( जिसने मोबाइल वापस लिया था) वह अपनी जेब से उसी ब्रांड का दूसरा मोबाइल निकालकर थमा देता है। जिसमें मोबाइल नहीं होता। उसमें असली मोबाइल की तरह कवर होता है, कवर के अंदर मोबाइल के आकार का कांच का टुकड़ा रखा होता है।
अधिकतर खरीदार कवर खोलकर इसलिए नहीं देखते कि डील के समय ही उसने मोबाइल देख लिया था। इसके साथ ही कांच के टुकड़े वाले कवर की चैन में आरोपी क्यूफिक्स लगा देते हैं। ऐसे में जिसे मोबाइल दोबारा देखना भी है तो वह जल्दी नहीं खोल पाता। खोलने की कोशिश भी करता है तो गैंग बोल देती है कि घर जाकर देख लेना। कांच का टुकड़े का दाम महज 10 रुपए है। कांच का टुकड़ा, मोबाइल कवर आरोपी दिल्ली से खरीदते हैं।
इंजीनियरिंग छात्र ने दबोचा, दो बदमाशों को जीपीएस से खोजा
आरोपियों ने अशोका गार्डन इलाके में रविवार देर शाम बीटेक छात्र सुमित प्रजापति (18) को 40 हजार रुपए में मोबाइल देने का सौदा कर रहे थे। सुमित ने मोबाइल लेने से इंकार कर दिया। तभी आरोपी उसका मोबाइल छीनकर भागने लगे। तभी छात्र ने गैंग के एक बदमाश को दबोचकर पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने जब बदमाश से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके दो साथी भाग गए हैं। पुलिस गैंग के हनुमानगंज स्थित होटल में पहुंची, लेकिन दोनों आरोपी नहीं मिले। इसी बीच पकड़े गए आरोपी ने बताया कि वह किराए का स्कूटर ले रखे हैं। उसमें जीपीएस लगा है। जीपीएस से उसके साथियों की लोकेशन ट्रैक हो सकती है। पुलिस ने किराए से स्कूटर देने वाली एजेंसी से संपर्क कर गैंग के दो साथियों को दबोचा।
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