मेडिकल स्टोर से कोरोना सेल्फ टेस्ट किट लेकर घर पर जांच करने वालों पर अब न सिर्फ प्रशासन, बल्कि स्वास्थ्य विभाग भी कड़ी नजर रख रहा है। प्रशासन ने शहर के सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देशित किया है कि वे उक्त किट खरीदने वाले सभी ग्राहकों की पूरी जानकारी, जिसमें नाम, पता, उम्र और मोबाइल का रिकॉर्ड आवश्यक रूप से लेकर रखें।
प्रशासन की टीम रेंडम तौर पर शहर के मेडिकल स्टोरों के रिकॉर्ड की जांच करेगी। यही नहीं, रिकॉर्ड के आधार पर अपनी जांच करने वाले मरीजों का हाल जानने के लिए उनके घर जाकर उनकी हालत का भी पता लगाएगी। मेडिकल स्टोर के रिकॉर्ड का जिम्मा शहर के अलग-अलग इलाकों के एसडीएम को दिया गया है। उन्हें अपने क्षेत्रों में मेडिकल स्टोर से की जा रही इन किट की बिक्री के रिकॉर्ड के साथ ही साथ किट खरीदने वाले ग्राहक के घर टीमें भेजकर जांच करने का जिम्मा दिया गया है। इस दौरान अगर कोई मरीज कोरोना पॉजिटिव मिलता है तो उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी कराई जाएगी। उसके संपर्क में आने वाले लोगों की नि:शुल्क जांच कराने का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग का होगा। जिन लोगों को इलाज और दवाई की जरूरत होगी, उसकी व्यवस्था भी फ्री ही कराई जाएगी।
न मेडिकल वाले, न जांच करने वाले दे रहे थे जानकारी
शहर में इन दिनों रोज औसतन 3 हजार लोग सेल्फ टेस्ट किट से जांच कर रहे हैं। लेकिन, न तो मेडिकल स्टोर वाले रिकॉर्ड रख रहे हैं और न खुद जांच करने वाले लोग ही अपनी जानकारी दे रहे हैं। गौरतलब है कि 17 जनवरी की सूची में 175 से ज्यादा मरीजों का पता अधूरा है। करीब 80 के पते में सिर्फ कोलार रोड लिखा है। इनमें अधिकांश की जांच निजी लैब में की गई हैं।
जानकारी देना चाहिए
कोरोना सेल्फ टेस्ट किट से जांच करने वाले लोगों को अपनी रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी देनी चाहिए। अगर ऐसे मरीज सामने आते हैं तो हम उनके संपर्क में आने वाल लोगों की जांच और इलाज की व्यवस्था करेंगे।
- डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ
किट का इस्तेमाल बढ़ा
कोरोना सेल्फ टेस्ट किट का इस्तेमाल बढ़ा है। अब यह व्यवस्था की गई है कि केमिस्ट, खरीददार का नाम, पता और मोबाइल नंबर सही दर्ज करेंगे। टीम इनसे जानकारी लेकर मरीजों के घर जाकर उनकी स्थिति का पता लगाएंगी।
- विकास मिश्रा, सीईओ, जिला पंचायत
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