देश के चार बड़े शहरों में कोरोना की तीसरी लहर चरम को पार कर चुकी है। अब पुणे और अहमदाबाद के साथ ही मध्यप्रदेश के इंदौर-भोपाल में यह पीक पर रहेगी। IIT कानपुर के प्रो. राजेश रंजन की मध्यप्रदेश को लेकर नई स्टडी में दावा किया गया है कि 30 जनवरी से 2 फरवरी के बीच कोरोना की तीसरी लहर का पीक होगा।
तो फरवरी के दूसरे सप्ताह से कोरोना होगा कंट्रोल
प्रो. रंजन का मानना है कि मध्यप्रदेश में तीसरी लहर के पीक में कोविड के मामले दूसरी लहर की पीक जैसे ही रहेंगे। यानी एक दिन में 13 से 14 हजार तक केस आएंगे। दूसरी लहर के पीक के दौरान 26 अप्रैल 2021 को अधिकतम 13 हजार से ज्यादा केस आए थे। प्रो. रंजन का दावा है कि मध्यप्रदेश में टेस्ट नहीं घटाए गए और संक्रमण दर तेजी से नहीं बढ़ी तो फरवरी के दूसरे सप्ताह से कोरोना कंट्रोल होना शुरू हो जाएगा।
बड़े महानगरों में घट रहे केस
प्रो. रंजन के मुताबिक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में कोरोना केस अब घट रहे हैं। 7 दिन के आधार पर केसेस का औसत यही बताता है। हालांकि, चिंताजनक स्थिति अगले चार बड़े शहरों- पुणे, अहमदाबाद, हैदराबाद और बेंगलुरु में उभर रही है। पिछले दो दिन से केस घटे हैं, मगर अगले कुछ दिन यही सिलसिला बरकरार रहने पर सात दिनी औसत में गिरावट दर्ज होगी।
छोटे शहरों और गांवों में बढ़ रहा संक्रमण
मुंबई-दिल्ली जैसे शहरों से कोविड-19 की जो तस्वीर उभरकर आ रही है, उससे साफ है कि बड़े शहर देश के आंकड़ों में अब ज्यादा योगदान नहीं कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर सात दिनों के औसत आंकड़े अब भी बढ़ रहे हैं। महामारी अब छोटे शहरों और गांवों में फैलती नजर आ रही है। इससे साफ है कि अब पुणे, अहमदाबाद, इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में इस सप्ताह के अंत से पीक शुरू हो जाएगा। जो तीन से चार दिन का रहेगा।
आंकड़े भी नहीं पेश कर रहे सही तस्वीर!
कोरोना की वर्तमान लहर में बहुत सारे केस एसिम्प्टोमेटिक रहे। बहुतों में बेहद हल्के लक्षण रहे, ऐसे में आधिकारिक आंकड़ा सही तस्वीर पेश नहीं करता। बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जिन्हें संक्रमण हुआ भी तो पता नहीं चला होगा। कुछ शहरों में आक्रामक टेस्टिंग की वजह से ज्यादा मामले आ रहे हैं।
नए वैरिएंट BA.2 पर स्टडी में वक्त लगेगा भारत में कोरोना के नए वैरिएंट BA.2 के मरीज देखने को मिल रहे हैं। इंदौर में कोरोना के इस नए वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। इसके 16 मरीज पाए गए हैं। इनमें 6 बच्चे भी शामिल हैं। इनमें से चार संक्रमितों के फेफड़े पर 15 से 40% तक का असर पड़ा है। नए वैरिएंट को लेकर प्रो. रंजन का कहना है कि यह ओमिक्रॉन का नया स्वरूप है, लेकिन इसको लेकर स्टडी में थोड़ा वक्त लगेगा। नए वैरिएंट को लेकर फिलहाल ऐहतियात बरतने की जरूरत है।
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