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पीपी सर के नाम से देंगे पुरस्कार:श्रद्धांजलि सभा में CM शिवराज का ऐलान- पत्रकारिता यूनिवर्सिटी में उनके नाम से एक कमरा होगा

भोपाल7 दिन पहले

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा, पत्रकारिता के क्षेत्र में 'पीपी सर' के नाम से पुरस्कार शुरू किया जाएगा। पत्रकारिता विश्वविद्यालय की नई बिल्डिंग में एक कमरा पीपी सर के नाम से भी होगा। सीएम ने यह ऐलान पीपी सर यानी पुष्पेंद्र पाल सिंह के लिए हुई श्रद्धांजलि सभा में किया। सभा होशंगाबाद रोड स्थित पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विकास भवन में संचालित कैंपस में हुई।

मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले पीपी सर से हुई मुलाकात के पलों को याद करते हुए कहा, यह कटु सत्य है कि एक दिन जाना तो सबको है, लेकिन यह नहीं पता था कि पुष्पेंद्र पाल इस तरह से इस दुनिया से चले जाएंगे। वे ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कभी किसी भी काम के लिए मना नहीं किया। शायद वो उस रात भी ईश्वर को मना नहीं कर पाए और एक बुलावे पर ही इस लोक को छोड़ कर चले गए। वे एक ऐसे शिक्षक थे जो अपने छात्रों की पढ़ाई से लेकर रोजगार और उसके जीवन - यापन तक की सदैव चिंता करते रहते थे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पुष्पेंद्र पाल सिंह को बिसनखेड़ी में बने माखन लाल विश्वविद्यालय के नवीन भवन में जाना था और पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे युवाओं को बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना था। हालांकि, असमय निधन के कारण ऐसा नहीं हो सका। अब जल्द ही नए विश्वविद्यालय परिसर में एक कक्ष का नामकरण स्व. पुष्पेंद्र पाल सिंह की स्मृति में किया जाएगा। यहां उनके लेख और व्याख्यान के संग्रह को प्रकाशित करने के साथ ही व्याख्यान माला आयोजित की जाएगी। पत्रकारिता के क्षेत्र में नवाचार करने वालों को पुष्पेंद्र पाल सिंह की स्मृति में प्रति वर्ष सम्मानित किया जाएगा।

मध्यप्रदेश माध्यम एवं रोजगार निर्माण के प्रधान संपादक और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के विभागाध्यक्ष पुष्पेंद्र पाल सिंह (पीपी सर) की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, पुष्पेंद्र निष्काम, निष्कपट, निश्छल और निरअहंकार व्यक्ति थे, हमने वर्षों साथ काम किया।
मध्यप्रदेश माध्यम एवं रोजगार निर्माण के प्रधान संपादक और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के विभागाध्यक्ष पुष्पेंद्र पाल सिंह (पीपी सर) की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, पुष्पेंद्र निष्काम, निष्कपट, निश्छल और निरअहंकार व्यक्ति थे, हमने वर्षों साथ काम किया।
पीपी सर के बुजुर्ग पिता को रोते देख लोगों की आंखें छलक पड़ीं। श्रद्धांजलि सभा में पीपी सर के पिता, बेटी समेत अन्य परिजन मौजूद रहे।
पीपी सर के बुजुर्ग पिता को रोते देख लोगों की आंखें छलक पड़ीं। श्रद्धांजलि सभा में पीपी सर के पिता, बेटी समेत अन्य परिजन मौजूद रहे।

दिग्विजय की पत्नी बोलीं, वे पत्रकार के साथ बेहतर इंसान थे

पत्रकार और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय सिंह ने कहा- पीपी सिंह से मेरा संक्षिप्त परिचय था। मुझे इतना पता था, वे बीएचयू से पढ़े थे। मैं भी वहीं पढ़ी हूं। एमसीयू में उन्होंने मुझे पढ़ाने के लिए बुलाया। मुझे वे बेहतर इंसान लगे। मुझसे उनका इतना ही परिचय था, लेकिन उस परिचय को उन्होंने हमेशा जिंदा रखा। वह मेरे साथ अनजान सा रिश्ता बनाकर रहे। जब भी मुझे जरूरत पड़ी, तो उन्होंने भरपूर मदद की। यहां उपस्थित लोग जिस तरह से गमगीन हैं, उससे लगता है कि वे एक बेहतर इंसान और बेहतर शिक्षक साबित हुए। भारतीय समाज इस बात को हमेशा महत्व देता रहा है कि इंसान जीवनकाल में जो काम करता है, वह अपने जाने के बाद लोगों के मन में हमेशा जिन्दा रखने के लिए काम करे। पीपी जी ने इसके लिए हमेशा प्रयास किया। एक बेहतर पत्रकार और परिवार के सदस्य के तौर पर हम सब उन्हें हमेशा याद रखेंगे।

दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा- यहां उपस्थित लोग जिस तरह से गमगीन हैं, उससे लगता है कि वे एक बेहतर इंसान और शिक्षक साबित हुए।
दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा- यहां उपस्थित लोग जिस तरह से गमगीन हैं, उससे लगता है कि वे एक बेहतर इंसान और शिक्षक साबित हुए।

वीडी शर्मा बोले- पीपी से बहुत कुछ सीखा

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा- विश्वास नहीं होता कि पुष्पेंद्र पाल जी हमारे बीच नहीं रहे। मैं ठीक एक दिन पहले सीएम हाउस पर बैठे थे। रात को जब निकले, तो मेरी उनसे थोड़ी देर खड़े होकर बात हुई। विद्यार्थी जीवन से मीडिया के क्षेत्र में कैसे काम सीखना है, यह प्रशिक्षण भी उस समय पुष्पेंद्र पाल सिंह जी ने हम सभी विद्यार्थी परिषद के जो सेक्रेट्रीज होते थे, उन्हें भी हर साल उस कार्यशाला में बुलाते थे। मैंने भी बहुत कुछ सीखा। ऐसा व्यक्तित्व जो दूसरों के काम के लिए तत्पर और तैयार रहते थे। मैंने एक विशेषता उनकी देखी, मैं अगर राजनैतिक दल का अध्यक्ष हूं, तो आगे बढ़कर के क्या इनिशिएटिव और लिए जा सकते हैं। मुझे भी सिखाने के कई बार प्रयास किए। एक ऐसा व्यक्ति, जो हमारे बीच नहीं होता है, उनकी व्यावहारिकता इतना प्रभावित करती है कि विश्वास नहीं होता कि ऐसा व्यक्ति चला गया। मैं इसे व्यक्तिगत क्षति भी मानता हूं। एक इंस्टिट्यूशन के तौर पर उन्होंने जो काम किया है, यह सोसाइटी और समाज की बड़ी क्षति है।

पीयूष बबेले ने कहा- पीपी सर मेरे पिता तुल्य थे

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पीयूष बबेले बोले- पीपी सर सिर्फ मेरे गुरु नहीं थे, वह पिता तुल्य थे। मैं 2002-2004 में माखनलाल यूनिवर्सिटी में पढ़ा। तब ये यूनिवर्सिटी 7 नंबर पर थी। यह कहना कठिन है, मैं बहुत जगह पढ़ा, लेकिन ऐसा गुरु देखा नहीं। मुझे यहां से निकले हुए 20-22 साल हो गए। तब भी उनकी गुरुता बरकरार थी। हाल में माताजी के पास बैठा था। आपने एक शब्द कहा कि ऐसा लगा जैसे पिचकारी दबा दी हो, रंग निकल गया। मां की यह बात और हम भी यही सोच रहे थे, जैसे वो चले गए। लेकिन ये संस्मरण हम सबको करना पड़ेगा। इतना प्यार हम सब से क्यों करते थे? यूनिवर्सिटी उन्होंने ऐसी बदल दी थी, छात्रों की नौकरी के लिए काम करते रहे। नौकरी लगने के बाद भी जिस तरह समझते थे, वैसे कोई घर का बंदा क्या करेगा।

होशंगाबाद रोड स्थित पत्रकारिता विश्वविद्यालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इसमें सीएम शिवराज सिंह भी मौजूद रहे।
होशंगाबाद रोड स्थित पत्रकारिता विश्वविद्यालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इसमें सीएम शिवराज सिंह भी मौजूद रहे।

पुष्पेंद्र सदा हम सबके साथ रहेंगे: गिरिजा शंकर

स्वर्गीय पुष्पेंद पाल सिंह बड़े भाई समान वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर ने बताया कि आज के दौर में पुष्पेंद्र जैसे शिक्षक मिलने काफी मुश्किल है जो अपने विद्यार्थियों के लिए पागलपन की हद तक जुनून पाले। यह किसी किवदंती से कम नहीं है। वह आज इस दुनिया में नहीं है ये अहसास कर पाना संभव नहीं है, वह हमारे साथ हैं। अपने साथी को याद करते हुए पब्लिक रिलेशंस सोसायटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक ने बताया कि के हमारा संगठन विगत 65 वर्षों से काम कर रहा है, दिसंबर में 44वी ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस पुष्पेंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में भोपाल में इस तरह आयोजित किया गया कि अब उसे आने वाली पीढियां याद रखेंगी। पुष्पेंद्र बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, वह अपने काम को पूरी गुणवत्ता, मुस्तैदी के साथ पूरा करने के लिए कमिटेड रहते थे। कार्यक्रम में समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर, मंत्री विश्वास सारंग, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, माखनलाल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर केजी सुरेश, वरिष्ठ पत्रकार अमृता सिंह, पीयूष बबेले, राकेश मालवीय, वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र भदौरिया समेत भारी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

पुष्पेंद्र भैया सदैव समाज, लोगों के लिए जिए: केपी सिंह

कार्यक्रम में स्वर्गीय पुष्पेंद्र पाल सिंह के छोटे भाई केपी सिंह ने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे बड़े भाई ने सदैव ही हर काम को गहराई में उतर कर पूरी लगन से पूरा किया। उन्होंने बताया कि वह देर रात तक फोन पर अपने दोस्तों, परिचितों और पूर्व छात्रों के संपर्क में रहते थे। उन्होंने कभी यह नहीं देखा कि दिन है या रात वह 24 घंटों लोगों की मदद में निष्काम भाव से लगे रहते थे। केपी सिंह ने कहा कि भाई हमेशा मॉं से कहते थे कि अगर मेरे एक फोन से किसी का कोई काम बनता है तो इससे अच्छा पुण्य का काम क्या होग और वह सदैव इसी भाव के साथ मानव सेवा में जुटे रहे। उन्होंने हर मिलने जुलने वाले व्यक्ति, विद्यार्थियों को अपने परिवार की तरह माना और हमेशा उनकी मदद की।

पिता और बेटी को रोते देख छलके सबके आंसू
एमसीयू परिसर में आयोजित श्रृद्धांजलि सभा में पीपी सर के पिता और बेटी को रोते देख कार्यक्रम में मौजूद लोगों के आंसू छलक पड़े। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और मप्र माध्यम के संपादक रहे पुष्पेंद्र पाल सिंह (पीपी सर) का ह्रदयाघात से निधन हो गया था। कार्यक्रम में पीपी सर के पिता, बेटी समेत अन्य परिजन मौजूद थे। सभा में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर, दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय सिंह, रमेश शर्मा गुट्‌टू भैया समेत पत्रकारिता और राजनैतिक क्षेत्र के कई लोग मौजूद रहे।

माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और मप्र माध्यम के संपादक रहे पुष्पेंद्र पाल सिंह (पीपी सर) के ह्रदयाघात से निधन हो गया था।
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और मप्र माध्यम के संपादक रहे पुष्पेंद्र पाल सिंह (पीपी सर) के ह्रदयाघात से निधन हो गया था।
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