बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विधानसभा में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने को लेकर भाजपा-कांग्रेस ने एक-दूसर पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। बहस चित्रकूट की मंदाकिनी नदी में सीवरेज का प्रदूषित पानी छोड़े जाने को लेकर चल रही थी। मुद्दा चित्रकूट के कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया था।
उन्होंने आरोप लगाया, जिस चित्रकूट में भगवान श्रीराम का बाल्यकाल बीता। वे 14 बरस के वनवास के दौरान यहां रहे, वहां विकास करने के बजाय भाजपा श्रीराम के नाम पर चंदा वसूली कर रही है। इसके बाद सत्ता पक्ष हमलावर हो गई। बीजेपी के कई विधायकों ने कहा कि सदन इसके लिए नहीं है, आप देश के बड़े वर्ग की आस्था को चोट पहुंचाए।
दरअसल, मंदाकिनी नदी में प्रदूषित पानी मिलने के मामले में जवाब पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने दिया। उन्होंने चतुर्वेदी पर पलटवार करते हुए कहा, श्रीराम के नाम पर करंट क्यों आ जाता है? उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार विकास में भेदभाव नहीं करती। यदि मंदाकिनी नदी में गंदा पानी मिल रहा है, तो जांच कर ली जाएगी।
विपक्ष नहीं हुआ संतुष्ट
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि मंदाकिनी ही नहीं, अन्य नदियों में प्रदूषित पानी मिल रहा है। जबलपुर से विधायक तरुण भनोट ने कहा, नर्मदा नदी के तट का निरीक्षण करें, पता चल जाएगा कि किस तरह आस्था की प्रतीक नर्मदा नदी को दूषित किया जा रहा है। सरकार करोड़ों रुपए कहां खर्च हो गए?
कमलनाथ बोले - मैं नहीं कर पाया चित्रकूट का विकास
इस मुद़्दे पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि चित्रकूट जैसे पर्यटन एवं धार्मिक स्थल प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश में पहचान है। इसका ऐतिहासिक महत्व है। कांग्रेस की सरकार आने के बाद मैं इस क्षेत्र का विकास करना चाहता था, लेकिन नहीं कर पाया। अब शिवराज सरकार की जिम्मेदारी है कि विपक्ष के सुझाव को स्वीकार करे।
डंग बोले - मैं खुद जांच करने जाऊंगा
कांग्रेस विधायक भनोट ने सुझाव दिया कि प्रदेश की नदियों में प्रदूषित पानी मिलने की जांच करने के लिए सदन में कमेटी बनना चाहिए। विधायकों की कमेटी जांच रिपोर्ट सदन में रखेगी। इसके बाद सरकार एक्शन प्लान बना कर नदियों को बचाए, लेकिन अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। इस पर पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि मैं खुद जांच करने जाऊंगा।
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