प्रदेश का सबसे बड़ा 1500 सीटर ऑडिटोरियम के साथ नया रवींद्र कन्वेंशन सेंटर (पहले रवींद्र भवन) तैयार है। संभवत: देश में ये पहला कन्वेंशन सेंटर होगा, जिसके कक्षों को रागों का नाम दिया गया है। इनके नाम हंसध्वनि, गौरांजनी, जयजयवंती, मालकौश, कौशिकी, मल्हार, श्रीरंजिनी, कुरंजिका और वागीश्वरी रागों पर रखे गए हैं। इसमें एक बैंक्वेट हॉल भी है, जिसे शादी या जन्मदिन समारोह के लिए नहीं दिया जाएगा।
रवींद्र भवन के तय पैमानों के आधार पर इसका इस्तेमाल कला या साहित्य से जुड़े शासकीय, गैरशासकीय आयोजनों में होगा। 26 जनवरी को भवन का उद्घाटन होगा। 59 साल पहले यानी वर्ष 1962 में मप्र में कला को जीवंत करने के लिए रवींद्र भवन को बनाया गया था।
ऑडिटोरियम में कहां क्या
लाइट का फोकस गलत था
तकनीकी जांच के लिए बनी एक्सपर्ट कमेटी ने मेन ऑडिटोरियम में लाइट-साउंड, साइक्लोरामा, विंग्स और पर्दों में कमी पाई थी। लाइट का फोकस गलत था। इन कमियों काे अब सुधार लिया गया है।
रवींद्र सभागम केंद्र के कक्षों को नौ अलग-अलग रागों के नाम दिए हैं। संभवत: देश में ये ऐसा पहला कन्वेंशन सेंटर होगा।
- वंदना जैन, प्रबंधक, रवींद्र भवन
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