मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों में खाली करीब 20 हजार पदों की भर्ती पीईबी (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) के जरिए कराए जाने के आदेश से कर्मचारी संगठनों में नाराजगी देखने को मिल रही है। पदाधिकारियों का कहना है कि सीधी भर्ती से पद भरे जाएंगे तो अनुकंपा नियुक्ति और नियमितीकरण नहीं हो सकेगी। मामले में अब CM शिवराज सिंह चौहान और मंत्री भूपेंद्र सिंह से संगठन गुहार लगाएंगे।
मध्यप्रदेश के नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सीधी भर्ती के खाली पद पीईबी (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) से कराए जाने के निर्देश नगरीय प्रशासन कमिश्नर निकुंज श्रीवास्तव ने दिए हैं। इस संबंध में 12 अक्टूबर को पत्र भी जारी किया गया है। एक सप्ताह के भीतर सभी निगम कमिश्नर एवं नपा-नप सीएमओ को खाली पदों की जानकारी देना है।
आदेश के बाद सक्रिय हुए संगठन
कमिश्नर के आदेश के बाद नगरीय निकायों के कर्मचारी संगठन सक्रिय हो गए हैं और मांग उठा रहे हैं कि सीधी भर्ती के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की पदपूर्ति पीईबी से न कराकर निकाय में पूर्व से कार्यरत विनियमित एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ देकर की जाए। नगर निगम कर्मचारी सेवा कल्याण समिति के अध्यक्ष दिलीप सेठी ने बताया, यदि पीईबी के माध्यम से पदों की भर्ती होती है तो निकाय में वर्षों से कार्यरत विनियमित कर्मचारी, 29 दिवसीय दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी नियमितीकरण एवं विनियमितीकरण से वंचित हो जाएंगे। पीईबी को प्रस्ताव भेजने के बाद पद अनुकंपा नियुक्ति या नियमितीकरण के जरिए नहीं भरे जा सकेंगे।
सीएम-मंत्री से मिलेंगे
समिति के अध्यक्ष सेठी के अनुसार, अब कर्मचारी संगठन CM और मंत्री से मिलेंगे। ताकि भर्ती के लिए प्रस्ताव पीईबी को न भेजा जा सके।
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