पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
देशभर में लॉकडाउन जारी है। इस दौरान मानवीय संवेदनाओं को चित्रित करती हुई कई तस्वीरें कई राज्यों से सामने आई हैं। ऐसे ही ऊपर नजर आ रही तस्वीर उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर की है। यहां एसपी मनोज सिंह रविवार को भगवान महाकाल की शरण में पहुंचे। उन्होंने भगवान महाकालेश्वर से कोरोना से शहर और देश को मुक्त करने की प्रार्थना की।
डॉक्टरों ने निभाया मां-बाप का फर्ज
यज्ञनारायण अस्पताल में मजदूर दंपति के जब कम वजन की बच्ची पैदा हुई तो उन्होंने यह सोच लिया कि वह इस दुनिया में नहीं बच पाएगी। मजबूरी यह कि अगर वे इसे ले जाएं तो आखिर कहां पर और अगर अस्पताल में ही रहने दे तो उनके साथ तीन और बच्चों को भी अस्पताल में रखना पड़ता, जो कोरोना के दौरान संभव नहीं था। ऐसे में उसने डॉक्टरों को ही अपना भगवान मानते हुए स्टाफ के भरोसे ही बच्ची को छोड़ दिया। अब स्टाफ ही देखभाल कर रहा है।
एक तरफ जिदंगी, एक तरफ मौत
कोरोना और लॉकडाउन के कारण मजदूर जितने बेबस दिखाई दिए, वैसा शायद कोई नहीं। तेलंगाना से वापस लौट रही एक महिला ने चलती ट्रेन में एक बच्ची को जन्म दिया। हाल ही में ट्रेन में पैदा होने बच्चों की कई खबरें आई हैं। तेलंगाना के काजुपेटा में परिवार काम करता था। कामधाम छूट गया। डिलीवरी तक वहां रुकने का कोई इंतजाम नहीं बचा। सोचा, गांव जाकर इलाज करवा लेंगे, एक दिन की ही तो बात है। पर करीब 45 डिग्री के तापमान में ट्रेन के भीतर अचानक दर्द उठा और एक लड़की हुई। महिला इस दर्द को कुछ घंटे सहती रही, तब तक टिटिलागढ़ खबर पहुंच चुकी थी, लिहाजा एंबुलेंस और डॉक्टर्स आ चुके थे। दोनों की जांच हुई। अस्पताल ले जाकर दोनों को क्वारेंटाइन किया। पिता मंगल विश्वकर्मा ने सोचा भी नहीं था कि उसकी चौथी संतान ऐसे ट्रेन में होगी। वहीं दूसरी तस्वीर रविवार सुबह 7:45 बजे मुजफ्फरपुर जंक्शन की। आइस बाॅक्स के सामने पूरे समय मां रोती रही। बोली-सालों मन्नत के बाद जो बेटी जन्मी, उसका सफर मेरी कोख से इस आइसबाक्स तक ही रहा।
आखिरी सांस तक निभाएंगे सात फेरों का वचन
हरदोई के मनसा राम और अंजली की शादी लॉकडाउन से पहले हुई थी। ये दंपति 19 मार्च को पंचकूला स्थित मनसा देवी मंदिर में माथा टेकने आए थे। लॉकडाउन के कारण वे 2 महीने से चंडीगढ़ में फंसे हुए थे। जब वे यहां आए तो कुछ दिन बाद ही कर्फ्यू लग गया और यहीं फंसे रह गए। मनसा राम और उनकी पत्नी दोनों ही दिव्यांग हैं। पैसे न होने से मुश्किल से खाने का इंतजाम हो पाता था। उनके गांव का एक शख्स बुड़ैल गांव में रहता है, उसने इन दोनों को अपने घर में जगह दी। रविवार को चंडीगढ़ से चली स्पेशल ट्रेन से दोनों को वापस भेजा गया।
यह युद्ध है और इस बार यूनिफॉर्म का रंग नीला
पुलिस ने रविवार को मुकेरीपुरा समेत शहर के अन्य कंटेनमेंट क्षेत्रों में फ्लैग मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस के जवान पीपीई किट पहन कर अपनी ड्यूटी करते हुए नजर आए।
यह लट्ठमार होली नहीं, कोरोना काल की शादी है
दनियावां स्थित सूर्य मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रविवार की देर शाम दूल्हा- दुल्हन शादी के पवित्र बंधन में बंधे। एक-दूसरे को लकड़ी से वरमाला पहनाई।
पेड़ के सहारे गांव की हिफाजत
दुर्गूकोंदल जिले में लगातार गुरुवार और शुक्रवार को 5 कोरोना संक्रमण के मरीज मिले हैं। संक्रमित मरीज के मिलते ही पूरा दुर्गकोंदल क्षेत्र अचानक सतर्क हो गया है। जिले में कोरोना मरीज मिलने के बाद ग्रामीण भी अपने स्तर पर सतर्कता बरतने में लगे हैं। गांवों के प्रवेश मार्ग को पेड़ की टहनियों और झाड़ियों से बंद कर दिया है। वहीं आने-जाने वालों के नाम में अन्य जानकारी ली जा रही है।
.....अकेले ब्याह कर लाया दुल्हनिया
कोरोना संक्रमण के चलते कर्फ्यू खत्म हो चुका है। अब शादियां भी हो रही हैं। 50 लोग शामिल भी हो सकते हैं। इसके बावजूद भादसों रोड निवासी युवराज गांव कल्याण के गुरुद्वारा में हुए अपने आनंद कारज में अकेले पहुंचे। सोशल डिस्टेंसिंग रखी। अपनी दुल्हनिया चमनप्रीत के लिए सेनेटाइजर और मास्क भी ले गए। बुलेट पर लौटते समय नाके पर पुलिस ने उनका स्वागत भी किया।
तेज धूप पर भारी प्याल की छांव
रविवार को हजारों श्रमिक गांव जाने के लिए तेज धूप में घंटों खड़े रहे। स्टेशन तक जाने के लिए ये श्रमिक बसों का इंतजार कर रहे थे। रविवार को अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। दिन पर चली गर्म हवाओं के कारण लोगों को तपन भरी गर्मी से जूझना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वातावरण में नमी सुबह 57 और शाम को 58 प्रतिशत रही। हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 9 किमी प्रति घंटा की गति से चली। दो दिन हीट वेव रहेगी और तापमान 40 से 42 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है।
रील लाइफ में विलेन, रीयल लाइफ में हीरो
सोनू सूद ने बताया कि ‘15 मई के आसपास की बात है। मैं प्रवासियाें को ठाणे में फल और खाने के पैकेट बांट रहा था। उन्होंने बताया कि वे लोग पैदल ही कर्नाटक और बिहार जा रहे हैं। यह सुनकर मेरे होश उड़ गए कि बच्चों, बूढ़ों के साथ ये लोग पैदल कैसे जाएंगे। मैंने उनसे कहा कि आप दो दिन रुक जाएं। मैं भिजवाने का प्रबंध करता हूं। नहीं कर सका तो बेशक चले जाना।’
Sponsored By
पॉजिटिव- इस समय ग्रह स्थिति पूर्णतः अनुकूल है। बातचीत के माध्यम से आप अपने काम निकलवाने में सक्षम रहेंगे। अपनी किसी कमजोरी पर भी उसे हासिल करने में सक्षम रहेंगे। मित्रों का साथ और सहयोग आपकी हिम्मत और...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.