लिंक राेड-1 पर मेजर ध्यानचंद हाॅकी स्टेडियम में गुरुवार सुबह अजब-गजब हाॅकी मुकाबला हुआ। बीच मैदान पर मप्र की खिलाड़ी विपक्षी टीम से गुहार लगा रही थीं कि बेटियाें इतना मत दाैड़ाओ, हम तुम्हारी मां की उम्र के हैं, लेकिन विपक्षी टीम दिल्ली नहीं मानी और बमुश्किल से 15-20 मिनट के खेल में ही मप्र पर 9 गाेल दाग दिए।
मजबूरन आयाेजकाें काे आगे का मैच वहीं खत्म करना पड़ा। 15-15 मिनट के 4 क्वार्टर हाेते हैं, लेकिन यहां 5-5 मिनट के करना पड़े। चाैथा क्वार्टर ताे खेला ही नहीं गया। यह हकीकत है आल इंडिया सिविल सेवा हाॅकी टूर्नामेंट की, जिसमें 55-60 साल की उम्र पार कर चुकीं मप्र की टीम युवा खिलाड़ियाें से भरी दिल्ली टीम का सामना कर रही थीं।
दर्शकाें के कमेंट्स
आंटी, उधर मत जाओ, वापस अपनी डी में भी आना है, उत्साह में एक बुजुर्ग खिलाड़ी तेज दाैड़ ली ताे सांसें फूल गईं...
मप्र की खिलाड़ियाें के मैच देखने उनके बेटा-बेटी, नाती-पाेती भी पहुंचे
मप्र के खिलाड़ियाें का मैच देखने उनके बेटा-बेटी, नाती-पाेती सुबह 8:30 बजे ही मैदान पर पहुंच गए थे। मप्र की हार से वे निराश नहीं हुए और बीच मैदान पर पहुंचकर उनके साथ फाेटाे खिचवाएं। मैदान पर भाेपाली दर्शकाें का एक समूह भी था, जाे राेमांचक कमेट्स किए जा रहा था... आंटी ज्यादा नहीं दाैड़ाे, सांस फूल जाएगी, एक खिलाड़ी का रास्ते में दम फूल गया ताे दर्शकाें में से आवाज आई आंटी वापस भी आना है, कैसे आओगी।
रितु रानी बाेलीं... इस उम्र में मप्र की खिलाड़ियों ने जो साहस दिखाया है, उसे सलाम
इस उम्र में मप्र की खिलाड़ियों ने जो साहस दिखाया है, उसे सलाम
भारतीय टीम की पूर्व कप्तान रितु रानी भी अपनी दाे साल की बेटी काे लेकर दिल्ली की ओर से खेलने आई हैं। वह दिल्ली में इंकम टैक्स इंस्पेक्टर हैं। वे कहती हैं कि इस उम्र में मप्र की खिलाड़ियाें ने मैदान पर उतरने का जाे साहस दिखाया है, उसे सलाम।
निश्चित ही ओलिपिंक के बाद देश की हाॅकी काे लेकर सभी का नजरिया बदला है। इसका फायदा हमें आने वाले वर्ल्ड कप में मिलेगा। दिल्ली टीम में कई ऐसी इंटरनेशनल और नेशनल खिलाड़ी हैं, जाे 3-4 पहले तक अपने स्टेट और देश की टीम का प्रतिनिधित्व कर रही थीं।
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