भोपाल में फर्ज के लिए कुर्बान हुए ट्रैफिक पुलिस के सब इंस्पेक्टर श्रीराम दुबे पुलिस पर हमलों की घटनाओं पर कंट्रोल चाहते थे। चालान काटने पर एक सिरफिरे इंजीनियर ने उन्हें चाकू मार दिया था। एक बार उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन तबियत बिगड़ने पर दोबारा अस्पताल में भर्ती किया गया। दोबारा भर्ती होने से पहले श्रीराम ने कहा था, ‘भोपाल में पुलिस पर लगातार हमले हो रहे हैं। यह गलत है। इस पर नियंत्रण होना चाहिए।’ उनका दो निजी अस्पतालों में इलाज भी किया गया, लेकिन जान नहीं बच सकी।
श्रीराम दुबे का आखिरी बयान
‘7 अगस्त 2021 की दोपहर सामान्य दिनों की तरह ड्यूटी पर था। नो पार्किंग की एक बाइक एमपी नगर थाना परिसर में क्रेन से उठाकर लाए थे। कुछ देर बाद गाड़ी का मालिक हर्ष मीणा आया। उसने पूछा- कहां से लाए। हमने कहा कि नो पार्किंग से लाए हैं। हमने उसे बताया कि 500 रुपए नो पार्किंग और 100 रुपए क्रेन चार्ज लेगा। उसने 600 रुपए दिए और चालान कटवाकर चला गया। करीब आधे घंटे बाद मैं परिसर से बाहर निकल रहा था। मैं नार्मल था। इस तरह की घटना का अंदाजा नहीं था। इसी दौरान गाड़ी का मालिक आया और पेट में बाएं तरफ चाकू मार दिया। मैंने उसे दौड़कर पकड़ा। एमपी नगर पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद जेपी अस्पताल पहुंचा। उन्होंने कुछ टांके लगा दिए।’
आरोपी इंजीनियर जेल में
कोलार इलाके में रहने वाले 27 साल के आरोपी इंजीनियर हर्ष मीणा की बाइक श्रीराम ज्योति टॉकीज के पास नो-पार्किंग से लेकर आए थे। चालान कटवाने के आधे घंटे बाद उसने श्रीराम पर हमला कर दिया था। घटना के बाद हर्ष पर हत्या के प्रयास की धारा लगाई थी, लेकिन मौत के बाद हत्या की धारा बढ़ा दी।
6 महीने में 6 से ज्यादा बार हमले
भोपाल में पुलिस पर लगातार हमले बढ़ते जा रहे हैं। बीते 6 महीने में ही ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर छह से ज्यादा बार हमले हो चुके हैं। अब तक निशातपुरा, हनुमानगंज, कोहेफिजा और एमपी नगर में छह से बार बदमाश पुलिस पर हमला कर चुके हैं।
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