टीटी नगर पुलिस ने चार महीने से शहर में लावारिस हालत में भटक रही महिला को उसके घर सीहोर सकुशल पहुंचा दिया। घर पहुंचते ही मां को देखकर उसके तीन मासूम बच्चे उससे लिपट गए। मां बच्चों को दुलारती रही। बताया गया कि महिला की मानसिक स्थित ठीक नहीं थी। वह अपना घर तक भूल चुकी थी।
टीटी नगर थाने के हेड कांस्टेबल भानूप्रकाश पटेल ने बताया कि बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात उनकी एफआरवी (डायल 100) में ड्यूटी लगी थी। रात दो बजे सूचना मिली कि एक महिला जेपी अस्पताल के तुलसी नगर पार्क के पास सुबह से भूखी-प्यासी बैठी हुई है। मौके पर पहुंचे भानू ने महिला को पहले खाना खिलाया। इसके बाद उसे गौरवी संस्था लेकर गए। लेकिन, संस्था ने यह कहते हुए महिला को रखने से इंकार कर दिया कि इसका पहले कोरोना टेस्ट कराओ।
पुलिस ने रात में ही महिला का मेडिकल टेस्ट कराया। इसके बाद महिला को गौरवी ने रखा। सुबह महिला ने पूछताछ करने पर अपना नाम संजना भील(35) पति ज्ञान सिंह बताया। संजना ने बताया कि वह कोलार के कजलीखेड़ा में रहती है। पुलिस उसे कजलीखेड़ा लेकर पहुंची। लेकिन वह अपना घर नहीं बता सकी। इसी बीच कजलीखेड़ा का एक व्यक्ति महिला को पहचान गया। उसने पुलिस को बताया कि महिला का परिवार पांच माह पहले कजलीखेड़ा में रहता था। इसके बाद झागरिया, सीहोर चला गया था। पुलिस की टीम महिला को लेकर झागरिया सीहोर पहुंची।
स्थानीय पुलिस की मदद से महिला का गांव ढूढ़ा। समाजसेवी संजू की मदद से महिला को उसके गांव ले जाया गया। गांव पहुंचते ही वह अपना घर पहचान गई। घर में उसके तीन बच्चे थे। एक ढाई साल का बच्चा था। जिसे देख कर संजना उसे दुलारने लगी। हेड कांस्टेबल पटेल ने बताया कि महिला का पति काम करने गांव से बाहर गया हुआ है। घर में महिला की सास उसके बच्चों की देखरेख करती थी।
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