फूलों की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। ऐसे में भोपाल में फूलों की खेती में भी खासा इजाफा हो रहा है। एक्सपर्ट कहते हैं कि कई पॉली हाउस बंद होने के बावजूद पिछले 4 साल में ही फूलों की खेती में 12% की बढ़ोतरी हो चुकी है।
दिल्ली, आगरा, ग्वालियर, लखनऊ, मुंबई, पुणे समेत देश के कई प्रमुख शहरों के बाजारों में सीहोर के शरबती गेहूं की तरह ही भोपाल के फूलों की काफी डिमांड है। भोपाल में फूल उत्पादक किसानों के खेत एवं पॉलीहाउस के फूल लखनऊ, दिल्ली, आगरा समेत उत्तर भारत के कई शहरों में सप्लाई होते हैं।
मिलती है 16.44 लाख सब्सिडी
पॉली हाउस लगाकर एक एकड़ में जरबेरा, आर्किड, कार्नेशन एवं गुलाब के फूलों की खेती करने वाले किसानों को 16.44 लाख रुपए की सब्सिडी सरकार की योजना के तहत हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट देता है। इसमें कुल लागत 32.88 लाख रुपए आती है।
इसलिए बढ़ा उत्पादन- मिट्टी भी खेती के अनुकूल
भोपाल जिले के कई गावों में जलवायु, मिट्टी एवं वातावरण फूलों की खेती के लिए अनुकूल है। कई बड़े किसान अलग-अलग तरह के फूलों की खेती को लेकर समर्पित हैं। इसीलिए यहां फूलों का अच्छा उत्पादन हो रहा है। -सुबोध सहस्त्रबुद्धे, हॉर्टिकल्चर एक्सपर्ट
किसानों का रुझान भी बढ़ रहा
भोपाल में फूलों की खेती करने के लिए किसानों का रुझान भी बढ़ रहा है। पिछले 4 साल में फूलों की खेती में 12% इजाफा हुआ। इसी सीजन में दिल्ली, मुंबई में हुई शादियों में भोपाल से 50 क्विंटल फूल सप्लाई किए गए। -बीएस कुशवाह, असिस्टेंट डायरेक्टर, हॉर्टिकल्चर
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