भोपाल में एक रिटायर्ड IAS की पत्नी के साथ धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। आरोपी ने एटीएम कार्ड ब्लाक होने के झांसे में फंसाकर 12 लाख रुपए दूसरे के खाते में ट्रांसफर करा दिए। इसमें वह करीब 5 लाख रुपए निकलने में सफल रहा, जबकि शिकायत के बाद पुलिस ने शेष रुपए सीज करा दिए। करीब एक साल बाद क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में FIR की है।
मामले की जांच कर रहे साइबर सेल के एसआई शेष नाथ ने बताया कि ई-7 अरेरा कॉलोनी में रहने वाली 65 साल की मनी जैन गृहणी हैं। उनके पति सुभाष जैन रिटायर्ड आईएएस हैं। उन्होंने एक साल पहले धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि 16 जुलाई 2020 में उन्हें एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि वह बैंक से बोल रहा है।
उसने खाते संबंधी की कुछ जानकारी उन्हें बताई। ऐसे में उन्हें लगा कि वह सच में बैंक से ही बोल रहा है। उसने कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से उनका एटीएम कार्ड ब्लाक हो गया है। इसके दोबारा चालू करने के लिए वह कुछ जानकारी लेगा। इसके बाद उनके मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा। उसके बातें करने के दौरान एक OTP आया।
उसके कहने पर उन्होंने उसे वह OTP नंबर उसे बता दिया। कुछ देर बाद ही उनके खाते से करीब 12 लाख रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर होने का मैसेज आया। उन्होंने तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने उनकी शिकायत पर बैंक से संपर्क कर खाते को सीज करा दिया, लेकिन तब आरोपी करीब 5 लाख रुपए निकाल चुका था। एसआई शेष नाथ ने बताया कि जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए हैं, वह खाता झारखंड का है। बैंक की जानकारी के आधार पर उक्त खाता धारक का पता लगाने के लिए झारखंड जाएंगे। उसके बाद ही खाते और खाता धारक के बारे में पता चल पाएगा।
इसलिए पैसे वापस नहीं आए
एसआई शेष नाथ ने बताया कि आरोपी ने पूरे पैसे दूसरे के खाते में ट्रांसफर कराए हैं। शिकायत मिलने के बाद उस खाते को सीज करा दिया, लेकिन तब तक आरोपी करीब 5 लाख रुपए निकाल चुका था। खाता सीज होने के कारण वह शेष रकम नहीं निकाल पाया। अगर यह पैसे किसी वॉलेट में होते तो पूरे रुपए वापस आ जाते, लेकिन क्योंकि यह खाते में गए हैं इसलिए वह वापस नहीं आ सकते हैं। खाता धारक का पता लगना जरूरी है।
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