राजधानी का महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज कुछ न कुछ नया करता रहता है। इसी कढ़ी में अब पूरा कॉलेज सौर ऊर्जा से रोशन होने जा रहा है। खास बात यह है कि इस प्रोजक्ट का जिम्मा कॉलेज के ही शिक्षक और छात्रों को दिया गया है।
वे ही इसकी मॉनिटरिंग, इंस्टालेशन, मेंटेनेंस सहित अन्य सभी कामों को पूरा करेंगे। सोलर पैनल लगने के बाद कॉलेज का हर महीने करीब एक लाख रुपए बिजली का बिल बचेगा। इस प्रोजक्ट में 5 लोगों की टीम बनाई है। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि में ट्रेनिंग भी हो चुकी है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. केवी राव ने बताया कि यह टीम वर्क है। इस पर काम शुरू हो गया है। सोलर सिस्टम अगले साल मई तक लग जाएगा। इस प्रोजक्ट से पर्यावरण को भी फायदा होगा।
सिर्फ उतनी बिजली बनेगी, जितनी जरूरत
काॅलेज प्रबंधन के मुताबिक वर्तमान में कॉलेज में सिर्फ उसी जगह बिजली चालू रखी जाती है, जहां कोई काम चल रहा हो। सभी के लिए यह अनिवार्य किया है कि जाते समय वे लाइट बंद करें। इससे यह आदत में आ जाए। 100 से 120 किलोवाट का सोलर प्लांट लगने के बाद इसे ग्रिड से नहीं जोड़ा जाएगा, यानी केवल उतनी बिजली उत्पादित होगी, जितनी जरूरत है। इसे बेचा नहीं जाएगा। सोलर ऊर्जा से सिर्फ काॅलेज की जरूरतों को ही पूरा किया जाएगा।
ये भी रहेंगे शामिल
काॅलेज प्रबंधन के मुताबिक भले ही इस प्रोजक्ट में 5 लोग शामिल हैं लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से इसमें 100 से ज्यादा स्टाफ और करीब 500 छात्राएं भी शामिल हैं। सभी को बिजली बचत का महत्व बताया है।
सभी की ट्रेनिंग हो चुकी
काॅलेज में 100 से 120 केवी का सोलर प्लांट लगेगा। इसके इंस्टालेशन, मेंटेनेंस सहित अन्य तरह का काम ये टीम करेगी। सभी की ट्रेनिंग भी हुई है। -डॉ. आराधना हंस, फैकल्टी, महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज
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