भोपाल क्राइम ब्रांच ने मेडिकल में एडमिशन के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिराेह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक गोल्ड मेडिलिस्ट और एक महिला शामिल हैं। आरोपी देशभर के करीब 170 लोगों से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी कर चुके हैं। 25 पीड़ित तो अकेले मध्यप्रदेश के हैं।
मुख्य आरोपी बेंगलुरू का 42 वर्षीय अरविंद कुमार उर्फ आनंद राव है। राव हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से सिग्नल प्रोसेसिंग में एमटेक है। एमटेक में वह गोल्ड मेडलिस्ट रहा है। दूसरा आरोपी इंदौर का 34 वर्षीय राकेश पवार है। राकेश ने एमबीए किया है। एक अन्य आरोपी महिला है।
इन्हें पुणे और इंदौर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस गिरोह में और भी लोगों के शामिल होने की बात कर रही है। जल्द ही कुछ और गिरफ्तारी हो सकती है। आरोपियों के पास से 15 कंप्यूटर, 12 लैपटॉप, 27 मोबाइल फोन, 13 एटीएम कार्ड, 1 पासपोर्ट, 2 बैंकों के चेकबुक व अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
शिकायत मिलने पर पुलिस ने शुरू की थी जांच
असल में पुलिस को 8 फरवरी 2021 को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर ठगी की शिकायत मिली थी। पीड़ित ने बताया कि उसने इंदौर स्थित 'नीट काउंसलिंग' नामक कंपनी ने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम से फोन पर संपर्क किया था। इसके बाद एमपी नगर भोपाल में मुलाकात कर खाते में पैसा जमा करवा लिए गए, लेकिन एडमिशन नहीं कराया गया। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
ऐसे बनाते थे शिकार
आरोपी नीट की तैयारी और परीक्षा देने वाले छात्रों को शिकार बनाते थे। इंदौर में एक ऑफिस भी बना रखा था। यहां पर 30 से ज्यादा लोग काम करते थे। आरोपी नीट की तैयारी और परीक्षा देने वालों की कोचिंग और वेबसाइट से डाटा जुटाते थे। फिर इनको मेडिकल कॉलेज में एडमिशन का मैसेज भेजते थे। साथ में कॉल सेंटर का नंबर दिया जाता था। कॉल सेंटर पर काम करने वालों को मेडिकल में एडमिशन की गारंटी देकर जाल में फंसाया जाता था। आरोपी यह धोखाधड़ी जनवरी 2020 से कर रहे थे।
कॉलेज सेलक्शन से लेकर दाखिले तक के फिक्स थे रेट
आरोपी छात्रों को तीन तरह की सर्विस देते थे। इसके लिए अलग-अलग राशि तय थी। 5 हजार रुपए में यह बताया जाता था कि आपके नंबर पर आपको एडमिशन मिलेगा या नहीं। यदि मिलेगा तो कौन सा कॉलेज मिल सकता है। इसके बाद 25 हजार रुपए के पैकेज में कॉलेज में एडमिशन की प्रक्रिया बताई जाती थी। तीसरे पैकेज 50 हजार रुपए में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की गारंटी दी जाती थी।
होटल में कराते थे काउंसलिंग
छात्रों के लिए भोपाल, इंदौर, पुणे और बेंगलुरू में होटल में काउंसलिंग आयोजित की जाती थी। यहां पर आमने-सामने बैठा कर छात्र से किस मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना है, उसकी जानकारी ली जाती थी। इससे छात्र और उनके अभिभावकों को भी विश्वास हो जाता था।
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