मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश राजधानी भोपाल में हुई। यहां 35 घंटे में 14 इंच बारिश हो चुकी है। इससे 16 साल बाद अगस्त में 1 दिन में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड टूट गया। 2006 में 14 अगस्त को 24 घंटे में 11.66 इंच बारिश हुई थी। इस बार सीजन में अब तक 66.50 इंच बारिश हो चुकी है। यह सीजन के कोटे की 42 इंच बारिश से 23 इंच ज्यादा है। इसके पहले 2016 में 56.58 और 2006 में 67.45 इंच बारिश हुई थी। मंगलवार दोपहर एक बार फिर से तेज बारिश हुई।
उधर, मीनापुरा में पुलिया के टूट जाने पर ग्रामीण प्रसूता महिला को खटिया पर रखकर लाए और अस्थाई पुल से लेकर नजीराबाद पहुंचे। वहीं ग्राम बरोड़ी में हलाली डैम का पानी गांव तक आ जाने से ग्रामीणों की धड़कने बढ़ी हुई हैं। यहां पानी फसल को पहले ही पूरी तरह से बर्बाद कर चुका है। गांव जाने वाले सभी रास्ते बंद है और ग्रामीण वहां पर फंसे हुए हैं।
3 बच्चों समेत चार का किया रेस्क्यू
लहारपुर में 3 बच्चों समेत चार का 36 घंटे बाद मंगलवार सुबह रेस्क्यू किया गया। बैरागढ़ में सुबह दो पेड़ गिरने की सूचना के बाद विधायक रामेश्वर शर्मा, निगम एवं प्रशासन की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। क्रेन और जेसीबी की मदद से पेड़ों काे हटाया गया। साधु वासवानी कॉलेज के पास पेड़ गिरने से इलाके की बिजली भी गुल हो गई। कई इलाकों में पीने के पानी के लिए लोग परेशान हो रहे हैं।
भोपाल में मंगलवार सुबह तक बारिश होती रही। शहर की 200 से अधिक कॉलोनियों में बिजली गुल रही। बिजली विभाग का अमला सुधार कार्य में जुटा रहा। इससे कुछ कॉलोनियों में बिजली सप्लाई शुरू हो गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बिजलीकर्मियों का हौसला बढ़ाने पहुंचे।
मुक्तिधाम में पानी के बीच अंतिम संस्कार
छोला, सुभाषनगर और चांदबड़ के श्मशान में बारिश का पानी भीतर तक घुस आया। चिता के आसपास 2-2 फीट पानी भरा हुआ था। लोग वहां लगे स्टैंड पर शव को पानी से बचाते अंतिम संस्कार कर रहे थे। लोगों को गीली, सीलनभरी लकड़ी और गोकाष्ठ को जलाने में मशक्कत करना पड़ी। अंतिम क्रिया में चार से पांच घंटे का समय लगा। छोला विश्राम घाट पर 7 और सुभाषनगर विश्रामघाट में शाम तक 17 शवों के अंतिम संस्कार किया गया। पानी भरा होने से चांदबड़ विश्रामघाट में एक भी अंतिम संस्कार नहीं हो सका। लोगों को छोला विश्रामघाट आना पड़ा।
अल्पना तिराहे पर एक दिव्यांग की मौत हो गई। उसका शव पानी में ही घंटों पड़ा रहा। मुक्तिधामों के भी हाल बेहाल रहे। यहां दो फीट पानी के बीच अंतिम संस्कार किया गया। सुभाष नगर मुक्तिधाम में 17 और छोला विश्रामघाट पर 7 शवों का अंतिम संस्कार किए गए। पानी में क्रूज के डूबने से मेंटेनेंस वर्क और सैलानियों की सुरक्षा के मद्देनजर मंगलवार को बोट क्लब बंद रखा गया है। यहां बोटिंग भी नहीं करवाई जाएगी।
बिजली गुल: 95% फीडर से सप्लाई ठप
तूफानी बारिश और तेज हवा के कारण राजधानी की 14.50 लाख आबादी 21 घंटे बिना बिजली के हैरान, परेशान रही। रविवार देर रात 2 बजे से लेकर सोमवार रात 10 बजे तक भोपाल के ज्यादातर इलाकों में बिजली गुल रही। 484 फीडर्स में से 95% फीडर से बिजली सप्लाई ठप रही। राजधानी के श्यामला हिल्स, 74 बंगला, चार इमली अरेरा कॉलोनी समेत पॉश कॉलोनियों से लेकर नए और पुराने शहर की बस्तियों तक के सैकड़ों घरों में अंधेरा पसरा रहा। रात 10 बजे के बाद ज्यादातर कॉलोनियों में बिजली सप्लाई बहाल होने का सिलसिला शुरू हो सका, लेकिन तब तक भी 50% फीडर काम नहीं कर रहे थे। देर रात मुख्यमंत्री समस्याओं का मुआयना करने निकले और बिजली सुधार रहे कर्मचारियों से बात की।
रातभर पानी के बीच फंसे रहे 27 परिवार
सोमवार को दिनभर तेज बारिश से कई कॉलोनियों में पानी भर गया, हालांकि सोमवार रात को बारिश कुछ थमी, लेकिन लोगों की परेशानियां कम नहीं हुईं। कई इलाकों में रातभर पानी भरा रहा, तो कई लोग सहमे रहे। जाटखेड़ी स्थित जीवी विला सोसायटी में 27 परिवार पानी में रातभर फंसे रहे। नाला उफान पर होने से ग्राउंड फ्लोर डूब गया। यहां रहने वाले केके सिंह ने बताया कि कॉलोनी के पीछे नाला है, जिससे पानी की निकासी बंद होने के कारण कॉलोनी में पानी भर गया। रातभर बिजली भी नहीं होने से परेशानी रही।
सभी 71 सिग्नल बंद... न्यू मार्केट से वीआईपी रोड तक लगा रहा जाम
बारिश ने शहर का ट्रैफिक भी अस्त-व्यस्त कर दिया। सड़कों पर भरा पानी, जगह-जगह गिरे पेड़ और बिजली न होने से बंद सभी 71 ट्रैफिक सिग्नल्स से हर जगह जाम के हाल रहे। सोमवार को वर्किंग डे भी रहा, इसलिए सुबह और शाम के वक्त वाहन चालक ज्यादा परेशान हुए। सबसे ज्यादा खराब हालात वीआईपी रोड पर रहे। इस सड़क पर एक फीट तक पानी भरा था, इसलिए सेल्फी पॉइंट और करबला पर सैकड़ों वाहन रेंगते रहे। कई वाहनों के साइलेंसर के जरिए इंजन तक पानी पहुंच गया और वह बंद हो गए। इससे ट्रैफिक जाम होने लगा। इसका असर किलोल पार्क और पॉलिटेक्निक पर भी देखने को मिला।
अयोध्या बायपास स्थित इको ग्रीन सिटी में भी 150 घरों में पानी भरा रहा। रहवासी जय सिंह ने बताया कि बारिश ने खासा नुकसान किया है। इलेक्ट्रॉनिक सामान खराब हो गए। खाने-पीने का सामान भी बर्बाद हो गया। लोग फर्स्ट फ्लोर पर ही फंसे रहे। शाहपुरा इलाके में इंडस एम्पायर में 20 से ज्यादा मकान रातभर पानी में डूबे रहे। सोमवार को यहां से 18 परिवारों को रेस्क्यू किया गया था।
हिंगोनी और जनकपुरी बने टापू, 300 लोग फंसे
बैरसिया तहसील के हिंगोनी और जनकपुरी गांव बारिश के कारण टापू बन गए। पानी लगातार बढ़ने के बाद लोग घरों की छतों और ऊंचाई वाली जगह पर पहुंच गए। करीब 300 लोग रातभर फंसे रहे। स्थानीय जनप्रतिनिधि राजू यादव लगातार लोगों को पानी से निकालने में लगे रहे। लोगों का बोट के जरिए रेस्क्यू किया जा रहा है। वहीं, पुलिस और प्रशासन का अमला भी पूरी रात डटा रहा।
कई इलाकों में पूरी रात बिजली गुल
शहर के तुलसीनगर, अवधपुरी, होशंगाबाद रोड, कोलार, रायसेन रोड, अयोध्या बायपास, करोंद, भेल, शिवनगर समेत कई इलाकों में रातभर बिजली गुल रही। इससे लोग अपने मोबाइल का चार्ज नहीं कर सके। वहीं, उन्हें जानवरों का खतरा भी बना रहा। रविवार रात में तेज बारिश और तूफान के कारण 500 से ज्यादा पेड़ गिर गए थे। अधिकांश पेड़ बिजली की लाइन और पोल पर गिरे। इससे बिजली व्यवस्था ठप हो गई। बिजली न होने से मंगलवार को शहर में पानी की सप्लाई भी प्रभावित होगी।
डैम अभी भी ओवरफ्लो
कलियासोत डैम के सभी 13, भदभदा के सभी 11 और केरवा के सभी 8 गेट खुल चुके हैं। बड़ा तालाब का लेवल बढ़ने के बाद सोमवार को क्रूज भी आधा डूब गया था। रात में डैमों का जलस्तर कुछ कम हुआ। बावजूद उफान कम नहीं हुआ।
200 से ज्यादा कॉलोनियों में भरा पानी
राजधानी के कोलार में सबसे ज्यादा पानी भरा हुआ है। ललिता नगर और नयापुरा की 50 से ज्यादा दुकानों पर एक से दो फीट तक पानी भर गया है। बावड़िया कलां, दानिशकुंज, मंदाकिनी, शाहपुरा, करौंद, भानपुर, शिवनगर, छोला, ऐशबाग, चांदबड़ बजरिया, अशोका गार्डन, टीला जमालपुरा, महामाई का बाग, जगदीशपुर, इस्लामनगर, ईंटखेड़ी, पटेल नगर, आनंद नगर, मिसरोद, बागसेवनिया, बाग मुगलिया, दानिश नगर, अरेरा कॉलोनी, नेहरू नगर, गोमती कॉलोनी, इंद्रपुरी, आकृति इको ग्रीन सिटी, नीलबबड़, रातीबड़ समेत 200 से ज्यादा कॉलोनियों में घरों में पानी घुस गया है। यहां के हाल बेहाल होने से कई लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो रहे हैं।
भोपाल नगर निगम ने जारी किए नंबर
नगर निगम द्वारा केंद्रीय कर्मशाला माता मंदिर में आपदा नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। यहां 24 घंटे अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहेंगे। नगर निगम ने लोगों की सहायता के लिए 0755-2542222, 2540220 और 2701401 नंबर जारी किए हैं। सूचना मिलते ही कर्मचारी मदद के लिए पहुंचेंगे।
तेज लहरों में डूबा 16 टन का क्रूज, 22 लोगों ने खींचकर बचाया
बोट क्लब पर 16 टन वजनी क्रूज लेक प्रिंसेज का पिछला हिस्सा बड़े तालाब में डूब गया। तेज हवा से उठ रही बड़ी लहरों ने इसके लोहे के प्लेटफॉर्म को डैमेज कर दिया। इससे पानी क्रूज के पिछले हिस्से में भर गया। करीब 72 फीट लंबे क्रूज का एक मीटर हिस्सा पानी के भीतर रहता है। मप्र पर्यटन निगम की टीम के 22 सदस्यों ने मोटी रस्सियों की मदद से इसे खींचकर किनारे पर किया। एहतियातन नावों को भी किनारे ले आया गया है। हैदराबाद की एक टीम मंगलवार को क्रूज का मेंटेनेंस करेगी।
सिर्फ भोपाल में ही ऐसी तूफानी बारिश क्यों?
बंगाल की खाड़ी से चला सिस्टम डिप्रेशन में बदलकर ओडिशा, झारखंड, छग होता हुआ रविवार से दमोह-सागर के बीच ठहर गया था। इसका सबसे ज्यादा असर भोपाल के आसपास हुआ।
कब तक होगी बारिश?
मंगलवार सुबह तक बारिश थोड़ी तेज हो सकती, दोपहर बाद इससे थोड़ी राहत मिलेगी। बुधवार से ज्यादा राहत मिलने की संभावना है। अगस्त के आखिरी दिनों में हल्की बारिश का एक दौर आने की संभावना है। इसके बाद सितंबर में भी एक या दो बार बारिश हो सकती है। मानसून की विदाई भी बारिश के साथ ही होने के आसार हैं।
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