राजधानी भोपाल में दिवाली की देर रात तक पटाखे फूटे। इससे जहां आसमान जगमगा उठा। वहीं, जमीन पर कई टन पटाखे का कचरा जमा हो गया। जिसे शुक्रवार सुबह से सफाईकर्मी साफ करने में लग गए। दोपहर तक करीब 200 टन कचरा एकत्रित हो चुका था। जिसे गाड़ियों में अलग रखा और अब जमीन में दफन किया जाएगा। उधर, कई इलाकों में सफाई व्यवस्था गड़बड़ा गई। यहां सुबह 11 बजे तक सफाई नहीं हुई। सड़क किनारे भी कचरा पड़ा रहा।
शहर में एवरेज 800 टन सूखा-गीला और प्लास्टिक का कचरा निकलता है, लेकिन शुक्रवार को यह करीब 25% बढ़ गया। यानी 200 टन कचरा ज्यादा निकला। दोपहर तक कचरा उठाने का दौर चलता रहा। पटाखे के कचरे को साधारण कचरे के साथ मिक्स नहीं किया गया। उसे आदमपुर छावनी लेकर जाकर जमीन में दफन किया जाएगा।
कई जगह ऐसे भी दिखे हालात
शहर में शुक्रवार को दो तरह की सफाई व्यवस्था देखने को मिली। कई जगह सफाईकर्मी सफाई में लगे थे तो कुछ इलाकों में घंटों बाद भी सफाई नहीं हुई। कोलार के गेहूंखेड़ा में सुबह 11 बजे तक सफाई नहीं हुई। इस कारण लोगों को खुद सफाई करना पड़ी। वहीं, मंदाकिनी, बीमा कुंज में सड़क किनारे ही कचरे के ढेर नजर आए। शाहपुरा एरिये में भी कचरे के ढेर पड़े थे। एमपी नगर में 11.30 बजे सफाई चल रही थी। पुराने शहर के बाजारों में भी काफी देर तक सफाई नहीं हुई। हालांकि, अधिकांश दुकानें व्यापारियों ने बंद रखी हैं।
दोपहर तक काफी कचरा निकला
इस बार नगर निगम ने पहल करते हुए पटाखे के कचरे को साधारण कचरे में मिक्स नहीं करने का निर्णय लिया था। इसके बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के कमिश्नर निकुंज श्रीवास्तव ने प्रदेशभर में इसी तरह से कचरे को अलग रखने के आदेश जारी किए थे। भोपाल के अधिकांश स्थानों पर पटाखे के कचरे को अलग रखा गया। दोपहर तक काफी कचरा एकत्रित कर लिया गया था।
भोपाल में 15 करोड़ के पटाखे चलाए
भोपाल में दिवाली पर करीब 15 करोड़ के पटाखे चलाए गए। इस कारण शुक्रवार को बाजारों और मुख्य मार्गों से लेकर कॉलोनियों में बड़े पैमाने पर पटाखों का कचरा इकट्ठा हो गया।
जमीन में दफन करेंगे
नगर निगम के अपर आयुक्त एमपी सिंह ने बताया, आम दिनों की तुलना में शुक्रवार को कचरे की काफी मात्रा बढ़ी है। पटाखे के कचरे को साधारण कचरे में मिक्स नहीं किया जा रहा है। उसे आदमपुर छावनी में जमीन में दफन किया जाएगा। सफाई के लिए अमले को सुबह से ही लगा दिया था। वहीं, रात में ही कई इलाकों में पानी का स्प्रे किया गया। ताकि, प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके।
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