भोपाल स्मार्ट सिटी कंपनी ने भी कार्बन क्रेडिट के जरिए अपनी कमाई बढ़ाने के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं। कंपनी ने इसके लिए शहर में चल रहे 9 प्रोजेक्ट चिह्नित किए हैं। इनकी मदद से कंपनी को 8 करोड़ तक की कमाई का अंदाजा है।
इंदौर ने एक साल पहले इसकी शुरुआत कर दी थी और कार्बन क्रेडिट से 65 लाख रुपए की कमाई कर चुका है। स्मार्ट सिटी सीईओ अंकित अस्थाना का मानना है कि इंदौर की अपेक्षा भोपाल में ग्रीनरी व प्रोजेक्ट्स ज्यादा हैं, इसलिए यहां के प्रोजेक्ट्स की मदद से कार्बन क्रेडिट ज्यादा बनाए जा सकते हैं।
कैसे... रजिस्ट्रेशन के बाद मिलता है कार्बन क्रेडिट
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों को नियंत्रित करने की प्रक्रिया और इसके लिए किए जाने वाले उपाय के आधार पर कम हुए कार्बन को कार्बन क्रेडिट कहा जाता है। इंटरनेशनल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद ही कार्बन क्रेडिट मिलता है। इसके लिए रेगुलेटरी अथॉरिटी से वेरिफिकेशन करवाना होता है। कार्बन क्रेडिट की संख्या के हिसाब से सर्टिफिकेट मिलता है। फिर इंटरनेशनल मार्केट में अनुबंध किए जाते हैं। इसमें नई ग्रीनरी तैयार करना, ई-व्हीकल चलाना, सोलर से बिजली बनाना जैसी कवायदें शामिल की गई हैं।
भोपाल में इन 9 प्रोजेक्ट्स को चुना गया है
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