मध्यप्रदेश कैडर के IAS अफसर मोहित बुंदस के खिलाफ उनकी पत्नी ने भोपाल के महिला थाना में दहेज प्रताड़ना और मारपीट का केस दर्ज कराया है। पुलिस ने IAS मोहित के साथ उनकी मां पुष्पा, बहन सविता और सुनीता को भी आरोपी बनाया है। बुंदस की पत्नी शोभना मीणा भी इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) अफसर हैं। वह भोपाल में ही पदस्थ हैं। IAS मोहित भी वर्तमान में वन विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी हैं। वे भोपाल में ADM रह चुके हैं।
राजस्थान के जयपुर के रहने वाले मोहित महज 21 साल की उम्र में IPS बन गए थे। 18 दिसंबर 2006 से 24 अगस्त 2011 तक झारखंड कैडर में IPS रहे। 2011 में वे IAS के लिए सिलेक्ट हुए।
आरोप: ऑफिस पहुंचकर गाली-गलौज की
बुंदस की शादी 2012 में हुई है। उनका एक बच्चा भी है। शोभना का आरोप है कि शादी के बाद से ससुराल वाले मुझे प्रताड़ित करने लगे। पति की दोनों बहनें ताने मारती हैं। सास भी बेटियों-बेटे का साथ देती हैं। मंगलवार को मैं अपने ऑफिस में थीं। इसी बीच मोहित पहुंच गए। उन्होंने यहां गाली-गालौज कर दी। मैंने विरोध किया तो मेरे साथ मारपीट भी की।
दो महीने से अलग रह रहीं
करीब दो महीने से मोहित की पत्नी अलग रह रही हैं। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि फरवरी 2022 में वह शादी समारोह में शामिल होने जयपुर गई थीं। तब दोनों ननदों ने उनसे विवाद किया था। हालांकि पुलिस ने मोहित की पत्नी के नाम का खुलासा अभी नहीं किया है। पुलिस का कहना कि मामले की जांच की जा रही है।
डिप्टी कमिश्नर इनकम टैक्स हैं शोभना
शोभना भोपाल की डिप्टी कमिश्नर, इनकम टैक्स हैं। उन्होंने बताया कि शादी के बाद जब उनका यूपीएससी में सिलेक्शन हुआ तो उन्हें इंटरव्यू के लिए नहीं जाने दिया गया। वे घर से भागकर इंटरव्यू देने पहुंची। इसी तरह ट्रेनिंग के दौरान उन्हें बच्चे को साथ रखना। तब भी सास पुष्पा और पति मोहित ने हंगामा किया। वे बच्चे को लेकर भाग रहे थे।
आईएएस बनकर मां का सपना किया था पूरा
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस मोहित बुंदस की कामयाबी की कहानी उनकी मां के हाथों लिखी गई है। महज 10 साल की उम्र में पिता की मौत हो गई थी। मोहित के बड़े भाई की एक्सीडेंट में जान चली गई। पति व बेटे की मौत के बाद मोहित की मां ने न केवल खुद को संभाला, बल्कि बेटे को भी आगे बढ़ने की हिम्मत दी। वे छतरपुर कलेक्टर भी रहे हैं। राजस्थान के जयपुर निवासी मोहित मानते हैं कि मां की बदौलत वे महज 21 साल की उम्र में आईपीएस बन गए थे। 18 दिसंबर 2006 से 24 अगस्त 2011 तक झारखंड कैडर में आइपीएस रहे, मगर मां की इच्छा थी कि बेटा आईएएस बने। वर्ष 2011 में आईएएस बनकर मां का यह ख्वाब भी पूरा कर दिया।
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