भोपाल सहित प्रदेश में चल रहे 15 साल पुराने जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराया गया है, उनसे टैक्स व पेनाल्टी के रूप में 90,50,000 रुपए परिवहन विभाग अब तक जमा करा चुका है। वहीं, भोपाल जिले के वाहन मालिकों द्वारा 17 लाख 80 हजार रुपए जमा किए जा चुके हैं, लेकिन अब इस बढ़े हुए टैक्स व पेनाल्टी को लेने पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। सवाल उठता है कि बढ़े हुए टैक्स व पेनाल्टी जिन वाहन मालिकों ने परिवहन विभाग में जमा कर दी है, उनका क्या होगा? विभाग उनका पैसा लौटाएगा या उनके अन्य किसी वाहन में एडजस्ट करेगा।
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन ने कहा कि पहले हाईकोर्ट का फैसला मिल जाए, उसके बाद उनकी गाइडलाइन के मुताबिक इन वाहनों के बारे में निर्णय ले लिया जाएगा। प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा 15 साल पुराने वाहन मौजूद हैं। इस श्रेणी के जिन वाहनों के रजिस्ट्रेशन लैप्स होते जा रहे हैं, उनसे परिवहन विभाग द्वारा केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार कई गुना टैक्स व पेनाल्टी ली जा रही है। गत एक अप्रैल से नियम लागू होने के बाद से अब तक 90 लाख 50 हजार रुपए ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल व पेनॉल्टी के रूप में परिवहन विभाग ले चुका है। परिवहन मामलों के विशेषज्ञ व पूर्व ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एनके त्रिपाठी का कहना है कि जब भी कोई कोर्ट किसी मामले में स्टे देता है, उसकी गाइडलाइन भी जारी करता है। संभावना है कि इस मामले में भी कर्नाटक हाईकोर्ट ने गाइडलाइन जारी की हो। अधिकारियों को गाइडलाइन देखकर जिन वाहन मालिकों ने बढ़े हुए टैक्स रेट-पेनाल्टी का पैसा जमा कर दिया है, फैसला लेना चाहिए।
इस तरह लग रहा था टैक्स और पेनाल्टी
नोटिफिकेशन के अनुसार 15 साल पुरानी कार या चार पहिया वाहन का रजिस्ट्रेशन रिनीवल करवाने के लिए एक अप्रैल से 600 की जगह 5000 रुपए लिए जा रहे हैं। इसी तरह मोटर साइकिल या दो पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन का रिनीवल 300 के स्थान पर 1000 रुपए में हो रहा है। इसके अलावा यात्री बसों व ट्रक सहित इसी श्रेणी की 15 साल पुरानी गाड़ियों का रिनीवल 1500 की जगह 12,500 रुपए लेकर परिवहन विभाग कर रहा था। इसके अलावा जिस वाहन के रिनीवल की अवधि एक साल भी बीती है, उस पर श्रेणी के हिसाब से 1 से लेकर 3 हजार रुपए तक की पेनॉल्टी अलग से ली जा रही है।
फिटनेस हर साल
नए नोटिफिकेशन के अनुसार सभी श्रेणी के कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस का रिनीवल भी जरूरी किया है। जहां पर प्राइवेट फिटनेस सेंटर हैं, उन्हें वहां ले जाकर ही सर्टिफिकेट लेना जरूरी किया गया है। हालांकि भोपाल सहित प्रदेश भर में अभी कोई भी प्राइवेट फिटनेस सेंटर नहीं हैं।
15 साल पुराने वाहनों की मप्र में यह स्थिति
वाहन के प्रकार, टैक्स और पेनॉल्टी की राशि रुपए में।
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