राजधानी समेत पूरे मध्यप्रदेश में गर्मी सितम ढा रही है। मौसम विभाग ने हीट वेव का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में बुधवार को सबसे ज्यादा राजगढ़ जिले में गर्मी पड़ी, जहां पारा 45 डिग्री के करीब पहुंच गया। राजधानी का तापमान 42 डिग्री के करीब है। बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लू की चपेट में आ गए। हीट वेव को देखते हुए बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। आखिर भीषण गर्मी में हम कैसे खुद को बचाएं? क्या सावधानियां रखें? इसके लिए भास्कर एक्सपर्ट पैनल से जानते हैं।
बच्चों का ख्याल कैसे रखें?
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. राकेश टिक्कस का कहना है कि बच्चों को धूप में न ले जाएं, अगर ले जाना बहुत जरूरी है तो फुल कवर करके ले जाएं। पिछले एक हफ्ते से तापमान बढ़ गया है। सिर को कैप या तौलिया से जरूर कवर करें, ताकि लू और तेज धूप से बचाया जा सके। सबसे ध्यान रखने वाली बात है कि शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।
बच्चों में कौन सी दिक्कत हो सकती है?
बच्चों में हीट स्ट्रोक के कारण उल्टी, दस्त, डिहाइड्रेशन और हाई फीवर आता है।
कैसा हो बच्चों का खानपान?
इस मौसम में बच्चों को तरबूज, खरबूज, खीरा, मठा, नींबू पानी देना चाहिए। जंक फूड, फास्ट फूड से बचें। गर्मियों में ये पेट की समस्याएं बढ़ा सकते हैं।
105 डिग्री बुखार हो तो क्या करें?
यदि बच्चों को तेज बुखार है और वो 105 डिग्री तक पहुंच जाए, तो इसे हाइपर पायरेक्सिया कहा जाता है। इस स्थिति में बच्चे के माथे पर गीला कपड़ा रखें। डॉक्टर से संपर्क करें।
बुजुर्गों को लू से बचाएं
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अरविंद मित्तल का कहना है कि वृद्धावस्था में ब्लड प्रेशर, शुगर, घुटनों की तकलीफें होती हैं। जब भी वे घर से निकलें तो सिर पर तौलिया बंधा हुआ हो। शरीर में पानी की कमी न हो, इसलिए तरबूज, खरबूज, खीरा, मठा जैसी पानी की पूर्ति करने वाली चीजें जरूर सेवन कराएं।
ये समस्याएं हों तो डॉक्टर को दिखाएं
बुजुर्गों का ब्लड प्रेशर हाई होने लगे। दवा लेने के बाद भी बुखार कम न हो, लगातार दस्त-उल्टी हो, मुंह सूखने लगे तो डॉक्टर से संपर्क करें। शरीर में पानी की कमी परेशानी की वजह बन सकती है। अस्पताल में एडमिट करना पड़ सकता है।
गर्भवती महिलाएं रोजा-उपवास से बचें
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वरुणा पाठक ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखना होगा कि उनके खानपान और गतिविधियों का असर गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान व्रत, उपवास, रोजा रखने से परेशानी बढ़ सकती है। तेज धूप में घर से बाहर न निकलें।
गर्भावस्था के दौरान क्या परेशानियां हो सकती हैं?
महिलाओं की आदत होती है कि वे परिवार के नाश्ता और भोजन की व्यवस्था करने के बाद खुद लंच करती हैं। ये आदत प्रेग्नेंसी के दाैरान सबसे बड़ी परेशानी बन सकती है। सुबह के नाश्ते को न छोड़ें। मॉर्निंग में 9 से 10 बजे के बीच नाश्ता जरूर करें। इसमें अंकुरित दालें, चना के साथ जूस ले सकती हैं। यदि गर्मी में खाली पेट बाहर निकलना पड़ा, तो चक्कर आ सकते हैं।
रोजाना पानी की निगरानी करें
बॉडी को डिहाइड्रेट रखने के लिए महिलाओं को काउंटिंग रखते हुए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। मटके का पानी पीने के लिए गिलास या बॉटल से गिनती रखनी चाहिए, जिससे पता रहे कि दिन भर में कितने लीटर पानी पिया है। फ्रिज का पानी पीने से बचना चाहिए।
भोपाल के अस्पतालों में लू के मरीजों के हाल
हमीदिया अस्पताल: यहां ओपीडी में रोजाना 50-60 मरीज दस्त, तेज बुखार, डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं के साथ पहुंच रहे हैं। हीट स्ट्रोक के कारण पहुंच रहे पांच-छह मरीज एडमिट हो रहे हैं।
सुल्तानिया अस्पताल: यहां गायनिक ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए आईं दो-चार गर्भवती, कतार में खड़े रहने पर खाली पेट होने के कारण चक्कर खाकर गिर जाती हैं। ओपीडी में हीट स्ट्रोक से पीड़ित 10-12 गर्भवती एडमिट हो रही हैं।
जेपी अस्पताल: हॉस्पिटल की ओपीडी में पिछले 10 दिनों से मरीजों की संख्या जनरल मेडिसिन में तेजी से बढ़ रही है। सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि हीट वेव के कारण लू, फीवर, लूज मोशन के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।
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