शहीद बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होगे। मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने प्रदेश कार्यालय में मीडिया को जनजातीय गौरव कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री को अमृत माटी कलश भेंट किया जाएगा।
इस कलश में प्रदेश के 75 चयनित स्थानों जहां पर आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले महापुरूषों की जन्मभूमि, बलिदान भूमि एवं उनके जीवन से जुड़े स्थानों की माटी शामिल होगी। 15 नवंबर को होने वाले जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम चरणों में है। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों से लाखों की संख्या में जनजातीय भाई बंधु अपनी सांस्कृतिक परंपरा और पारंपरिक वेशभूषा के साथ गौरव दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे।
सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 15 नवंबर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। यह प्रसन्नता का विषय है कि भारत सरकार ने भी पूरे देश में बिरसा मुंडा की जयंती को 15 नवंबर से पूरे सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है। सप्ताह भर प्रदेश भर में भी कार्यक्रम होंगे जो कि प्रतिवर्ष चलाया जायेगा।
आदिवासी परंपरा से होगा प्रधानमंत्री जी का स्वागत
सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को दोपहर 12.33 बजे राजाभोज विमानतल पहुंचेंगे। यहां से प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर द्वारा जंबूरी मैदान पहुंचेंगे। जंबूरी मैदान में जनजातीय भाई बहन पारंपरिक समूह नृत्य के माध्यम से प्रधानमंत्री अगवानी करेंगे। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान बिरसा मुंडा एवं जनजातीय समाज के क्रांतिकारियों पर केन्द्रित प्रदर्शनी का उदघाटन करेंगे। साथ ही जनजातीय बहनों के सेल्फ हेल्प ग्रूप द्वारा तैयार किए गए उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन करेंगे।
इसके बाद प्रधानमंत्री मुख्य मंच पर पधारेंगे। प्रधानमंत्री के मंच पर आते ही कार्यक्रम स्थल में अलग अलग स्थानों पर पारंपरिक वेशभूषा में तैयार कलाकार पारंपरिक नृत्यों एवं वाद्य यंत्रों के माध्यम से उनका स्वागत करेंगे। सिंह ने बताया कि कार्यक्रम के पश्चात हेलीकॉप्टर द्वारा बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी स्थित हेलीपेड पहुंचेंगे। यहां से सड़क मार्ग द्वारा रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंचकर कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री शाम 4 बजे राजाभोज विमानतल से प्रस्थान करेंगे।
12 शहरों में आंगुतकों की व्यवस्था
सिंह ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में प्रदेश के सभी स्थानों से जनजातीय बंधु शामिल होने भोपाल आ रहे है। उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए बेहतर व्यवस्थाएं की गयी है। भोपाल शहर के आसपास 12 शहरों में गौरव दिवस में शामिल होने वाले आंगतुकों के ठहरने और भोजन, चाय की व्यवस्था की गयी है। आंगतुक कार्यक्रम की पूर्व रात्रि विश्राम करेंगे एवं सुबह कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना होंगे।
सामाजिक संगठन करेंगे जनजातीय बंधुओं का स्वागत
सिंह ने कार्यक्रम की वृहद तैयारियों के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि राजधानी में होने वाला गौरव दिवस कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा। इस कार्यक्रम को लेकर सभी समाज और वर्गों में उत्साह का वातावरण है। विभिन्न सामाजिक संगठन और स्वयंसेवी संगठन 15 नवंबर के कार्यक्रम में शामिल होने भोपाल आ रहे जनजातीय बंधुओं का स्नेहपूर्वक स्वागत करेंगे।
जगह-जगह गौरव द्वार, फ्लेक्स
कार्यक्रम के लिए जगह-जगह गौरव द्वार, फ्लेक्स और जनजातीय वीरों के चित्र लगाए गए है। चौराहों को सजाया गया है। पार्टी के जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता भी जनजातीय भाई बहनों की अगवानी करेंगे। प्रमुख चौराहों पर जनजातीय समाज के भाई बहन पारंपरिक वेशभूषा में दिखायी देंगे। उन्होंने बताया कि जंबूरी मैदान में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गौरव दिवस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे तब प्रदेश की सभी पंचायतों में इसका सीधा प्रसारण होगा। लगभग 2 करोड़ लोग वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे।
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