मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने रात 11 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। नई गाइडलाइन भी जारी कर दी है। इसके बाद दैनिक भास्कर ने एक्सपर्ट से बातचीत की। उनका कहना है कि फिलहाल ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। ओमिक्रॉन ज्यादा संक्रामक जरूर है, लेकिन इसकी सीवियरिटी कम है। इसका मतलब ये नहीं कि हम लापरवाह हो जाएं। हमें सचेत रहना चाहिए। गाइडलाइन का पालन जरूरी है।
मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य दिल्ली, महाराष्ट्र और राजस्थान में नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले मिलने के बाद प्रदेश सरकार अलर्ट है। विदेश से आए अब तक 6 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। भोपाल प्रशासन ने 1 दिसंबर से अब तक 27 लोगों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे हैं। इनमें से किसी की भी रिपोर्ट नहीं आई है।
ऐसे में चर्चा है कि प्रदेश में ओमिक्रॉन ने दस्तक देने पर उससे पीड़ित मरीज की पहचान कैसे करेंगे। उससे कैसे बचेंगे। जानते हैं हमीदिया अस्पताल के पल्मोनरी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. निशांत श्रीवास्तव से।
भास्कर- कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं? क्या कारण है?
डॉ. निशांत - देखिए, कोरोना पेंडेमिक है। यह एक बार में खत्म नहीं होती। इस प्रकार के पेंडेमिक में वेव आती रहती हैं। यह आने वाली वेव के साथ कमजोर पड़ती जाती है। इसके बाद धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। अभी वायरस हमारे बीच में ही है। अभी होने वाली ढिलाई जैसे मास्क नहीं पहनने और सोशल गेदरिंग की वजह से भी केसेस बढ़ने लगे हैं, इसलिए यह दिमाग से निकाल देना चाहिए कि कोरोना जा चुका है। यदि हमने अभी लापरवाही बरती, तो यह केस बढ़ते जाएंगे। तीसरी लहर को न्योता देंगे।
भास्कर - जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट पेंडिंग है। हमें कैसे पता चलेगा कि कोई मरीज ओमिक्रॉन से संक्रमित है?
डॉ. निशांत - इसका विशेष लक्षण नहीं है। फिलहाल हमें बचाव करना है। ओमिक्रॉन नए वैरिएंट की संक्रामकता तो ज्यादा है, लेकिन इसकी सीवियरिटी कम है। परेशान नहीं होना है कि यह डेल्टा वैरिएंट है या ओमिक्रॉन है।
भास्कर - तीसरी लहर के दूसरी से खतरनाक होने की बात कहीं जा रही थी?
डॉ. निशांत - मेरा मानना है कि यह पेंडेमिक है। तीसरी लहर आने की आशंका है। यदि सावधानी नहीं बरती, तो निश्चित रूप से आएगी, लेकिन प्रदेश की बड़ी आबादी वैक्सीनेटेड हो चुकी है। बाकी को भी वैक्सीन लग रही है। ऐसे में यदि तीसरी लहर आती भी है, तो मुझे नहीं लगता कि कोरोना की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में मृत्यु दर ज्यादा होगी या ज्यादा लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि हम पहले से तैयार है।
भास्कर - बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की बात कही जा रही थी?
डॉ. निशांत - बच्चों के संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है। क्योंकि बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है। सरकार भी इसे लेकर मंथन कर रही है। निकट भविष्य में उनका वैक्सीनेशन भी शुरू होने की संभावना है।
प्रदेश में 24 घंटे में 30 कोरोना पॉजिटिव मिले
मध्यप्रदेश में बुधवार को 30 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसमें सबसे ज्यादा इंदौर में 12, भोपाल में 11, उज्जैन-बड़वानी, नीमच में 2-2 और बैतूल में 1 पॉजिटिव मिला है। प्रदेश में अभी 192 एक्टिव केस है। प्रदेश में 22 दिनों में 396 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा भोपाल में 157 और इंदौर 156 शामिल है। भोपाल में अभी 63 एक्टिव केस है। इनमें 42 होम आइसोलेशन में और 21 अस्पताल में भर्ती है।
पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 0.4% पहुंचा
प्रदेश में 7 लाख 93 हजार 574 कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 7 लाख 82 हजार 851 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, कोरोना के कारण 10 हजार 531 की जान जा चुकी है। बुधवार को 19 मरीज ठीक हुए। करीब 62 हजार सैंपल जांच करने लिए गए। रिकवरी रेट 98% से अधिक है। पॉजिटिविटी दर बढ़कर 0.4% हो गई है।
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