कोरोना की थर्ड वेव की एंट्री गांवों में भी हो गई है। प्रदेश में दो सप्ताह में मिले कोविड संक्रमितों में 10% ग्रामीण हैं। यह खुलासा कोविड पॉजिटिव पेशेंट के रेसिडेंशियल स्टेटस (रूरल और अर्बन) रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट अलग-अलग जिलों के कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से स्वास्थ्य संचालनालय को भेजी गई है।
स्वास्थ्य संचालनालय की इंटिग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की थर्ड वेव की रफ्तार जनवरी के पहले सप्ताह में तेज हुई है, लेकिन इसकी शुरुआत 25 दिसंबर से हो गई थी। दिसंबर के आखिरी और जनवरी के पहले सप्ताह में शहरी क्षेत्रों में कोविड के मरीज मिल रहे थे, लेकिन बीते तीन दिन से शहरी क्षेत्र की तरह ही ग्रामीण इलाकों में मरीज मिल रहे हैं। प्रदेश में कोविड के एक्टिव मरीजों में 10% ग्रामीण हैं।
बैतूल में 62%, रतलाम में 22% कोविड मरीज गांव के
प्रदेश में रूरल इलाकों में कोविड संक्रमण की सबसे तेज एंट्री बैतूल में हुई है। यहां कोरोना के एक्टिव मरीजों में 62% ग्रामीण हैं। रतलाम में 22%, होशंगाबाद में 17%, गुना में 16%, शिवपुरी में 13% और सागर में 12% मरीज गांवों के हैं। भोपाल में 5% और इंदौर में 6% नए मरीज ग्रामीण क्षेत्र में मिले हैं।
बैतूल में 15 दिन में मिले 110 मरीज, इनमें 62% ग्रामीण
बैतूल जिले में 25 दिसंबर से अब तक कोविड के 110 संक्रमित मरीज मिले हैं। इनमें से 62% मरीज ग्रामीण इलाकों के हैं। यहां बरबटपुर गांव में कोरोना के 8 मरीज मिल चुके हैं। सुआगा गांव में तीन, पुसली और समझौरा गांव में कोविड के दो-दो मरीज मिले हैं। इन सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है।
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