विवि में परीक्षा प्रक्रिया पूरी होने के बाद छात्रों को अंकसूची और प्रमाण पत्र ऑनलाइन उपलब्ध करवाए जाएंगे। इससे छात्राें को देर से दस्तावेज मिलने की वजह से आगे की पढ़ाई व रोजगार आदि के लिए किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। यह निर्देश रविवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समन्वय समिति की बैठक में सभी कुलपतियों को दिए।
मार्कशीट देर से मिलने के संंबंध में उन्होंने बीयू के अधिकारियों पर नाराजगी भी जताई। इस दौरान उन्होंने सभी कुलपतियों से कहा कि विवि में जो पद खाली हैं, उनमें नियुक्ति करें। राज्यपाल ने कहा कि कुलपति टीम बनाकर काम करें। समिति बनाकर अधीनस्थों काे दायित्व सौंपे। उनके और छात्र प्रतिनिधियों के साथ निरंतर संवाद के कार्यक्रम होते रहने चाहिए।
विश्वविद्यालय में होने वाली नई नियुक्तियों की रिकॉर्डिंग
राज्यपाल ने कहा कि सेल्फ फाइनेंस योजना में नए कोर्स रोजगारोन्मुखी होने चाहिए। इनकी स्वीकृति, संचालन, संकाय की नियुक्ति और वेतन आदि व्यवस्थाओं में एकरूपता हो। उन्होंने नई नियुक्तियों की प्रक्रिया का पारदर्शिता के साथ पालन किया जाए। समस्त साक्षात्कारों की रिकॉर्डिग होनी चाहिए।
थीसिस की जांच के लिए विशेष ध्यान दिया जाए
बैठक में राज्यपाल ने शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि थीसिस आदि के संबंध में क्वालिटी कंट्रोल हो। यह जरूर देखें कि इसका काम मौलिक हो। विवि इस दिशा में काम करें। पीएचडी और अन्य शोर्ध कार्यों की थीसिस की जांच के लिए विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने दीक्षांत समारोह भव्यता के साथ आयोजित करने के लिए कहा।
फीस जमा करने के बाद छात्र को न हो परेशानी
राज्यपाल ने निर्देश दिए कि किसी एक स्थान पर फीस जमा कर देना छात्र के पाठ्यक्रम और संस्थान के विकल्पों के चयन में बाधक नहीं होना चाहिए। ऐसी व्यवस्था की जाए। इसके लिए प्रवेश के समय शुल्क केंद्रीकृत बैक खाते में जमा कराने संबंधी व्यवस्था होना चाहिए। छात्र को चक्कर नहीं काटना पड़ेंगे। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि विवि नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए तालमेल के साथ काम करें।
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