भोपाल जिले में पानी और बिजली के मुद्दे को लेकर जिला पंचायत की साधारण सभा की मीटिंग में जमकर हंगामा हुआ। उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट समेत सदस्यों ने अफसरों को जमकर लताड़ लगाई। उपाध्यक्ष ने जहां गांवों में बिजली गुल होने और पीएचई के कामों पर नाराजगी जाहिर की तो सदस्य चंद्रेश राजपूत ने कहा कि हम चाय-नाश्ते के लिए नहीं आते हैं। जनता के कामों को लेकर हमें इतना भी परेशान मत कीजिए कि हमें CM साहब के पास जाना पड़े। सदस्यों की नाराजगी से पीएचई अफसर बैकफुट पर नजर आए। पीएचई के कामों की क्वॉलिटी पर सीईओ ऋतुराज ने भी कहा कि क्वॉलिटी पर मैं भी संतुष्ठ नहीं हूं।
दोपहर पौने 2 बजे से जिला पंचायत की मीटिंग शुरू हुई। शुरुआत से ही सदस्यों ने पीएचई से जुड़े कामों पर नाराजगी जताना शुरू कर दी। कहीं, पाइप लाइन या अन्य किसी निर्माण की वजह से सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर रखने तो कहीं पानी की समस्या बताई गई। उपाध्यक्ष जाट समेत अन्य सदस्यों ने ठेकेदारों का पैमेंट रोकने और निर्माण कार्यों की क्वॉलिटी की जांच करने की मांग की। फंदा जनपद अध्यक्ष प्रमोद राजपूत ने कहा कि ठेकेदारों का पैमेंट रुकने के बाद पता चलेगा कि दिक्कत कहां है? सदस्य बिजिया राजोरिया ने कहा कि ग्राम रातीबड़ में लोगों को गंदा पानी मिल रहा है। इस पर सीईओ ऋतुराज ने कहा कि यदि गंदा पानी आ रहा तो वह पीने के लायक कैसे हैं? पीएचई ईई सुदेश मालवीय से तुरंत सुधार करने के निर्देश दिए।
उपाध्यक्ष ने कहा- स्कूलों में पीने का पानी भी नहीं
उपाध्यक्ष जाट ने सीईओ ऋतुराज को मीटिंग से पहले आवेदन भी दिया। जिसमें बताया कि जिले में 107 किसानों पर बिजली के प्रकरण बना दिए गए। वहीं, चंदेरी, खजूरी, नजीराबाद, अगरिया, रतुआ, करोंदखुर्द, रायपुर, निपानिया जाट समेत कई गांवों में बिजली के ट्रांसफार्मर खराब होकर बंद है। इस कारण किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं। इसी तरह सूखा निपानिया, खामखेड़ा, परलियासानी, शाहपुर, चंदेरी रोजीवेग, बरखेड़ी हज्जाम, कुठार, देहपुर के किसानों पर प्रकरण बनाए गए। कई ग्रामीणों को मनमाने तरीके से बिल दिए जा रहे हैं। वहीं, स्कूलों में पीने का पानी भी नहीं है। रतनपुर, नीलगबड़, कनेरा, कुठार, ललरिया गांवों में शौचालय की भी समस्या है। पीएचई विभाग की अनदेखी के चलते रतनपुर, नीलबड़, ललरिया, मुंगालियाकोट, कनेरा, निपानियाजाट, रायपुर, गुनगा, रतुआ में पानी की खासी समस्या है।
बिजली के मुद्दे पर भी घेरा
इधर, सदस्यों ने बिजली के मुद्दे पर भी अफसर को घेरा। उपाध्यक्ष जाट, सदस्य रश्मि भार्गव, विक्रम भालेश्वर, विनय मेहर, गंगाबाई, सांसद प्रतिनिधि सुरेश राजपूत आदि ने कई गांवों में बिजली गुल रहने की बात कहीं। वहीं, 27 ट्रांसफार्मर बंद होने से ग्रामीणों को परेशानी होने की शिकायत भी की। इस पर बिजली कंपनी के ईई पंकज यादव ने कहा कि लाखों रुपए की राशि बकाया होने के कारण ट्रांसफार्मर बंद है। तारों के काफी नीचे लटकने के विषय को भी सदस्यों ने उठाया। मीटिंग में स्वास्थ, स्कूल शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, सामजिक न्याय, उद्यानिकी, कृषि, पीडब्ल्यूडी, एमपीआरडीसी आदि विभागों के कामों की समीक्षा भी की गई। अतिरिक्त सीईओ आरके वर्मा, सहायक परियोजना अधिकारी संदीप कुमार श्रीवास्तव आदि अफसर भी मौजूद रहे।
पहले हुई सामान्य प्रशासन समिति की बैठक
जिपं साधारण सभा की मीटिंग से पहले सामान्य प्रशासन समिति की बैठक भी हुई। सभी योजनाओं में प्राप्त एवं जमा राशि, जिपं में संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई।
अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव में हो चुका बड़ा उलटफेर
बता दें कि 29 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था। इस दौरान नाटकीय घटनाक्रम भी देखने को मिला था। जिला पंचायत में बीजेपी ने कांग्रेस समर्थित को अध्यक्ष बनवा दिया था। बीजेपी ने क्रॉस वोटिंग कराकर बाजी पलट दी थी। ऐनवक्त पर कांग्रेस नेता रहे नवरंग गुर्जर की पत्नी रामकुंवर गुर्जर, बिजिया राजौरिया और चंद्रेश राजपूत ने पाला बदल लिया था। वहीं, मोहन जाट उपाध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद 6 अगस्त को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों को शपथ दिलाई गई। 8 अगस्त को पहली साधारण सभा की मीटिंग हुई थी।
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