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मध्यप्रदेश और देश के अन्य राज्यों में आए दिन लव जिहाद की ऐसी घटनाएं लगातार सामने आई हैं, जिनमें अपना नाम बदलकर, छद्म तरीके से वेश बदलकर, गुमराह करके शादी करने और उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालने की कोशिश की गई। लव जिहाद को बढ़ावा देने वाले ऐसे तत्वों पर मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 के माध्यम से अंकुश लगाने की शिवराज सरकार ने जो पहल की है, वह देश के अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय है।
इस एक्ट से लव जिहाद की घटनाओं पर अंकुश लगेगा। वीडी शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 को सैद्धांतिक सहमति दिए की बात कही।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारत में अपनी मर्जी से शादी करने की स्वतंत्रता तो है, लेकिन नाम बदलकर कर, छद्म तरीके से वेश बदलकर, किसी को गुमराह करके शादी करते हैं और उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालते हैं। यह एक्ट इस सबके लिए है। इसके तहत बेटियों के परिवार वाले, मित्र व उनके सगे-संबंधियों को अधिकार होगा कि वह शिकायत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने ‘लव जिहाद’ शब्द का प्रयोग किया और कहा कि यह नहीं होना चाहिए और प्रतिबंध लगाया। उन्होंने कहा कि यह कानून किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता का विरोध नहीं कर रहा है, उनके अधिकारों को नहीं छीन रहा।
भारत की सीमाओं पर आतंकवादियों और देश को घात करने वालों के खिलाफ यदि कोई कार्रवाई होती है, तो वह किसी एक धर्म के लिए नहीं होती है। यह कार्रवाई देश विरोधियों एवं गद्दारों के लिए होती है। लव जिहाद के नाम पर पहचान छिपाकर बेटियों के साथ छल करके विवाह करते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहल करते हुए धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 को लेकर जो खाका तैयार किया है, जिसे मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। प्रदेश ने जिस तरीके से लव जिहाद को लेकर कानून बनाने में सक्रियता दिखाई है, उसे देश के अन्य राज्य भी अनुसरण करते हुए इसे बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
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