पैरेंट्स के लिए ये खबर चौंका देने वाली हो सकती है। देशभर में बच्चों के लिए मध्यप्रदेश सबसे असुरक्षित राज्य बनकर उभरा है। साल 2020 में औसतन रोजाना करीब 46 बच्चाें को हत्या, दुष्कर्म, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों का शिकार होना पड़ा है। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (NCRB) की 2020 की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है।
2020 में मध्यप्रदेश में 17,008 बच्चे क्राइम के शिकार हुए, हालांकि 2019 के मुकाबले इसमें मामूली कमी आई है। प्रदेश में बच्चों के खिलाफ होने वाले क्राइम का रेट 59.1% है। वर्ष 2019 में 19,028 मामले दर्ज हुए थे। NCRB की रिपोर्ट में बच्चों के साथ सोशल मीडिया के जरिए भी अपराध हुए हैं। देशभर के अन्य राज्यों के मुकाबले मध्यप्रदेश टॉप पर है, जबकि इस मामले में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है। यहां 2020 में 14,371 केस दर्ज हुए।
रोजाना 6 महिलाओं के साथ दुष्कर्म
मध्यप्रदेश में महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध में भी कमी नहीं आई है। वर्ष 2020 में दुष्कर्म के 2,339 केस दर्ज किए गए। मतलब, रोजाना करीब 6 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं। वर्ष 2020 में 25,640 केस महिलाओं ने अलग-अलग अपराध से जुड़े दर्ज कराए।
एससी, एसटी उत्पीड़न के मामले 20% बढ़े
प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के साथ 2020 में 20% उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 2,401 केस दर्ज हुए हैं।
बच्चों को लेकर पेरेंट्स सतर्क रहें
साइबर चोरी, कैटफिशिंग और साइबर बुलिंग, आपत्तिजनक कटेंट जैसे अपराध का बच्चे शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधियों के लिए बच्चे सबसे आसान शिकार हैं। कई मामलों में साइबर अपराधियों की वजह से बच्चे जान तक गंवा चुके हैं। इसके अलावा साइबर अपराधियों के वे ठगी का भी शिकार हुए हैं।
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