तीन साल पहले प्रदेश का पहला और देश का पांचवां नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) भोपाल में शुरू हुआ था। इंस्टीट्यूट में अगले साल से यूजी और पीजी के 12 नए कोर्सेस में देशभर के स्टूडेंट्स को एडमिशन लेने का मौका मिलेगा।
अब एनआईडी के स्टूडेंट्स और यहां के फैकल्टी मेंबर्स प्रदेश के स्थानीय खिलौनों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने की दिशा में काम करेंगे। साथ ही प्रदेश की 8 जनजातियों के 30 प्रोडक्ट को ग्लोबल स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में भी काम शुरू किया जा रहा है। पहले चरण में 30 प्रोडक्ट को लेकर काम होगा, उसके बाद प्रदेश की अन्य जनजातियों के कलाकारों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
पहली बार क्राफ्ट- ट्राइबल वेलफेयर डिजाइन के कोर्स
भोपाल एनआईडी पहला इंस्टीट्यूट है जो डिजाइनिंग के क्षेत्र में इंटीग्रेटेड प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। स्टूडेंट्स यहां से इंटरफेसेस ऑफ यूजर एक्सपीरियंस और प्रोडक्ट डिजाइनिंग का पांच वर्षीय कोर्स कर सकेंगे।
प्रदेश की 8 जनजातियों के कलाकारों के आर्ट वर्क चुने
एनआईडी ट्राइबल वेलफेयर विभाग के साथ मिलकर की 8 जनजातीयों के कलाकारों द्वारा तैयार आर्ट वर्क को ग्लोबल स्तर पर किस तरह पहचान दिलाएं, इस पर काम करेगा। जनजातीय कलाकारों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेंगे प्रदेश में बने खिलौने
एनआईडी एमएसएमई डिपार्टमेंट के साथ मिलकर प्रदेश में बनने वाले खिलौनों की ब्रांडिंग पर काम कर रहा है। प्रदेश को खिलौना हब बनाने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है। इंदौर में खिलौने सॉफ्ट लेदर पर काम करेंगे।
इंडस्ट्रियल स्किल ज्योतिष, वास्तु जैसे कोर्स
नए सत्र में रोजगारपरक इंडस्ट्रियल स्किल वाले कई कोर्स के ऑप्शन रहेंगे। हिंदी में कंप्यूटर, सिनेमा, अनुवाद के माध्यम से छात्रों को नई चुनौतियों से सामना करने के लिए पाठ्यक्रमों में प्रयास किया गया है। इसी तरह संस्कृत में प्रोग्राम स्पेसिक आउटकम आयुर्वेद, वास्तुशास्त्र, ज्योतिष, कर्मकांड के माध्यम से पाठ्यक्रम को रोजगारपरक बनाने का प्रयास किया गया है। अंग्रेजी में एक साल सर्टिफिकेट के हिसाब से पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है।
एनआईडी के डायरेक्टर ने बताया कि इंस्टीट्यूट में डिजाइनिंग से जुड़े 9 पीजी कोर्सेस शुरू होंगे। इसमें इंडस्ट्रीयल डिजाइनिंग, ऑटोमोबाइल, सस्टेनेबिलिटी, टेक्सटाइल, फिल्म एंड मीडिया डिजाइनिंग, कम्युनिकेशन, ग्राफिक से जुड़े कोर्सेस शुरू हो रहे है। गौरतलब है कि अभी तक इंस्टीट्यूट में चार यूजी कोर्सेस कम्युनिकेशन, इंडस्ट्रीयल, टेक्सटाइल एंड अपैरल डिजाइन से जुड़े कोर्सेस संचालित हो रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय पहचान के लिए होगा काम
स्टूडेंट्स के लिए नए कोर्सेस के अलावा एनआईडी सरकार के साथ मिलकर कई प्रोजेक्ट पर काम करेगा। इसमें जनजातीय कलाकारों को ग्लोबल पहचान देने और प्रदेश को खिलौना हब बनाने की दिशा में काम शुरू करने की तैयारी है।
-धीरज कुमार, डायरेक्टर, फिल्म एंड मीडिया डिजाइनिंग
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