शहर के पार्किंग स्थलों की जांच में 29 में से 18 में नगर निगम के अफसरों को भी गड़बड़ी मिली है। कहीं पीओएस मशीन की बजाय हाथ से पर्ची दी जा रही थी तो कहीं सीसीटीवी कैमरे गायब थे। पार्किंग में लगे कर्मचारी यूनीफॉर्म भी नहीं पहने हुए थे। नगर निगम ने पार्किंग व्यवस्था संभाल रही कंपनी को इन व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए 5 दिन का समय दिया है। व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं होने पर इन 18 जगहों पर कॉन्ट्रेक्ट निरस्त कर दिया जाएगा और वहां नगर निगम ही संचालन करेगा।
पिछले दिनों दैनिक भास्कर में इस संबंध में समाचार प्रकाशित होने के बाद निगम प्रशासन ने सभी पार्किंग स्थलों की जांच कर रिपोर्ट तैयार की थी। गुरुवार को नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने पूरी स्थिति की समीक्षा की और दिल्ली की कॉन्ट्रेक्टर कंपनी विक्टोरियस के प्रतिनिधियों से भी बात की। उन्होंने कहा कि 25 जनवरी तक व्यवस्थाएं ठीक नहीं होने पर इन जगहों का कॉन्ट्रेक्ट निरस्त करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। 25 जनवरी को इस कंपनी को काम शुरू हुए एक साल पूरा हो जाएगा।
स्मार्ट पार्किंग चलाने में निगम को आ रहा पसीना
2017 में नगर निगम ने शहर में स्मार्ट पार्किंग शुरू की थी। स्मार्ट पार्किंग शुरू करने वाला भोपाल देश में पहला शहर बना था, लेकिन निगम को इसे चलाने में पसीना आ रहा है। सबसे पहले बेंगलुरु की माइंडटैक कंपनी को काम दिया गया। जिसने 2020 की शुरुआत में काम छोड़ दिया। इसके बाद लगभग साल भर तक निगमकर्मी ही पार्किंग संभालते रहे। जनवरी 2021 से नई कंपनी को काम दिया गया, लेकिन व्यवस्थाएं बद से बदतर हो गईं।
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