मध्यप्रदेश पुलिस जल्द ही एके-47 जैसी अत्याधुनिक इंडियन घातक राइफल का इस्तेमाल करेगी। एडीजी प्रोविजन अनिल कुमार भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्टरी से पहली बार 400 घातक राइफल की खरीदी पूरी हो गई है। इसके अलावा ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन (जेवीपीसी) भी शामिल कर रहे हैं। इससे हॉक फोर्स, एंटी नक्सल ऑपरेशन यूनिट और एटीएस समेत मप्र पुलिस मजबूत होगी। अब तक पुलिस असॉल्ट, इंसास, एके-47 और कार्बाइन जैसे हथियारों का इस्तेमाल करती रही है। इसके लिए मप्र पुलिस करीब पांच करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इनमें 150 असॉल्ट राइफल भी होंगी।
पुलिस के पास अभी इंसास, असॉल्ट, कार्बाइन, एके-47 जैसे हथियार
जेवीपीसी
बॉडी- दो बंदूकें फाइबर से बनी, ऑटोमैटिक। एके-47 से भी हल्की।
क्षमता- दोनों का 300 मी. तक निशाना। जेवीपीसी में एक बार में 30 राउंड फायर।
अभी कहां- घातक का इस्तेमाल सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स कर रही है।
दोनों हथियारों का एक-एक पार्ट पूरी तरह स्वदेशी।
घातक राइफल
पहले किया था इंसास का ऑर्डर...
मप्र पुलिस एके-47 और असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल पहले से करती आ रही है। असॉल्ट के नतीजे अच्छे रहे, इसलिए अभी भी इसकी खरीद जारी है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से जब पुलिस को जेवीपीसी की जानकारी मिली तो पहले किया गया ऑर्डर कैंसिल कर दिया गया। इसके बाद मप्र पुलिस की प्रोविजन शाखा ने जेवीपीसी का नया ऑर्डर दिया।
ज्यादा भरोसेमंद...
खेमे में अब ज्यादातर हथियार मेड-इन इंडिया
मप्र पुलिस के खेमे में शामिल ज्यादातर हथियार मेड-इन इंडिया हैं। पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने बताया कि करीब दस साल पहले तक बीएसएफ के जरिए विदेशी हथियार खरीदे जाते थे। सीधे खरीदी के लिए मप्र पुलिस ने तब इंटरनेशनल बिजनेस लाइसेंस (आईबीएल) के लिए आवेदन किया था। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश को पीसफुल स्टेट बताते हुए आईबीएल देने से इनकार कर दिया था।
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