DA-वेतनवृद्धि के एरियर की राशि नहीं मिलने से नाराज चल रहे मध्यप्रदेश के करीब 70 हजार बिजलीकर्मियों ने हड़ताल वापस ले ली है। विभाग के PS संजय दुबे से चर्चा के बाद उन्होंने हड़ताल खत्म कर दी। 6 किस्तों में इंक्रीमेंट देने और DA के आदेश जल्द करने के आश्वासन के बाद बिजलीकर्मी मंगलवार को ही काम पर लौट गए।
मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाईज एंड इंजीनियर्स संगठन के बैनर तले बिजली कर्मियों ने 1 नवंबर से हड़ताल शुरू कर दी थी। पहले दिन सरकार का कोई सकारात्मक रवैया नहीं मिलने से मंगलवार से उन्होंने हड़ताल को और भी मजबूत करने का निर्णय लिया। मंगलवार सुबह से उन्होंने फाल्ट या अन्य प्रकार की शिकायतों की सुनवाई नहीं दी। इसी बीच दोपहर में विभाग के PS दुबे से चर्चा की और हड़ताल वापस लेने की घोषणा कर दी।
संगठन के संयोजक वीकेएस परिहार ने बताया, ऊर्जा विभाग के PS से चर्चा के बाद हड़ताल वापस ली गई है। मांगों के निराकरण करने का आश्वासन दिया है। वहीं, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों पर भी सहमति बनी है।
अब नहीं पड़ेगा दिवाली के उल्लास में खलल
बिजलीकर्मियों ने मांगों को लेकर अपना कड़ा रूख अख्तियार कर लिया था। इस कारण दिवाली के उल्लास में खलल पड़ने की संभावना थी, लेकिन हड़ताल खत्म होने से आम लोगों के लिए राहत की बात होगी।
इतने कर्मचारी हड़ताल पर थे
करीब 29 हजार नियमित, 6 हजार संविदा और 35 हजार आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर थे।
इसलिए शुरू की थी हड़ताल
21 अक्टूबर को CM शिवराज सिंह चौहान ने महंगाई भत्ता और वेतनवृद्धि की एरियर्स की बकाया राशि के भुगतान की घोषणा की थी, लेकिन प्रदेश की बिजली कंपनियों ने इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया, जबकि 4 नवंबर को दीपावली है। इस संबंध में 28 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री को लैटर लिखकर DA- वेतनवृद्धि की राशि समेत अन्य 5 सूत्रीय मांगों के निराकरण करने की मांग की गई थी। फिर भी कंपनियों ने निर्णय नहीं लिया तो 1 नवंबर से फिर से आंदोलन शुरू कर दिया था।
संगठन की यह थीं मांगें, जो मंजूर की गई
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