यह जरूरी नहीं कि मैथ्स लेकर सिर्फ इंजीनियर और साइंस लेकर डॉक्टर ही बना जाए. इन दोनों( मैथ्स-साइंस) सब्जेक्ट को लेकर साइंटिस्ट भी बना जा सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना ( KVPY) के तहत स्कॉलरशिप देती है। देश के सर्वश्रेष्ठ साइंस इंस्टीट्यूट में पढ़ने का मौका भी देती है। इसमें 11वीं, 12वीं और B.SC.फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हिस्सा ले सकते हैं। आइए जानते हैं एक्सपर्ट आकाश इंस्टीट्यूट भोपाल के रणधीर सिंह से...
स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर साइंस के स्टूडेंट के ब्राइट फ्यूचर(Bright future) के लिए भारत सरकार की ओर से छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 11वीं, 12वीं क्लास और ग्रेजुएशन कर रहे स्टूडेंट्स को फेलोशिप दी जाती है। भारतीय विज्ञान संस्थान(IISC) बेंगलुरु इस योजना का संचालन करती है। इस योजना को 'किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना' नाम दिया गया है. इसके तहत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और औषधि क्षेत्र में काम करने वाले छात्रों को फेलोशिप दी जाती है।
यूजी करने वाले छात्रों को 5 हजार रुपए महीना और साल के अंत में 20 हजार रुपए समेत कुल एक साल में 80 हजार रुपए स्कॉलरशिप में मिलते हैं। पीजी करने पर हर महीने 7 हजार रुपए और साल के अंत में 28 हजार कुल 1 लाख 12 हजार रुपए मिलते हैं। हर साल देश के करीब 3 हजार स्टूडेंट्स को साइंटिस्ट बनने का मौका दिया जाता है। क्वालीफाई करने वाले स्टूडेंट्स को देश के सबसे बेहतर साइंस कॉलेज में एडमिशन मिलता है।
इस तरह ले सकते हैं हिस्सा
कक्षा 11वीं, 12वीं और बीएससी फर्स्ट ईयर के छात्र इसमें भाग ले सकते हैं। रजिस्ट्रेशन KVPY की वेबसाइट पर करें। ओवीसी और जनरल के लिए 1250 रुपए और एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी के लिए 625 रुपए भरना होता है। इसमें बैंक का चार्ज अलग लगता है।
इस तरह करें तैयारी
पेपर दो पार्ट में होता है। 11वीं के स्टूडेंट्स को चार सब्जेक्ट फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और साइंस में विषय में पेपर देना होता है। प्रत्येक विषय में 25 अंक होते हैं। लेकिन 12वीं और बीएससी फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट को पहले पार्ट में किन्हीं तीन विषयों को चुनना होता है। मैथ्स का छात्र फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ, साइंस विषय का छात्र फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ पेपर दे सकता है। दूसरे पार्ट में किसी दो विषय को ही चुनना होता है।
परीक्षा देने के फायदे
यह नेशनल स्तर की परीक्षा होती है। जिस क्लास में स्टूडेंट्स होता है उसी के प्रश्न इसमें आते हैं। इस एग्जाम का स्तर काफी ज्यादा टफ होता है। ऐसे में अगर बच्चा इसमें बैठता है, तो साइंस के छात्र को नीट और इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को जेईई जैसे एग्जाम में अच्छा स्कोर करने का विश्वास आता है। इसलिए छात्रों को इसमें बैठना चाहिए।
भास्कर एक्सपर्ट सीरीज में अगला वीडियो भारतीय ओल्पियाड क्वालीफायर (IOQ) होगा। अगर आपका कोई सवाल हो, तो इस नंबर-9826857220 पर रविवार दोपहर 12 बजे तक वाट्सएप कर सकते हैं।
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