राजधानी भोपाल के सबसे बड़े कोरोना हॉट स्पॉट कोलार में लगभग 40% एक्टिव केस है। हर रोज एवरेज 200 पॉजिटिव केस आ रहे हैं। इस कारण यहां पर माइक्रो कंटेनमेंट बनाए जा रहे हैं। ताकि, संक्रमण न फैले, लेकिन घरों के आसपास बेरिकेडिंग करने पर संक्रमित और उनके परिजन झगड़े पर उतारू हो रहे हैं। गुल मोहर कॉलोनी में विवाद होने पर अफसरों ने फटकार लगाई, तब जाकर वे मानें। कोलार में अब तक 27 कंटेनमेंट बन चुके हैं।
भोपाल में 24 घंटे के भीतर 562 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। इनमें एक तिहाई केस उप नगर कोलार के है। वहीं, शहर में एक्टिव केस की संख्या 2 हजार के करीब पहुंच गई है। इनमें से 1900 संक्रमित होम आईसोलेट है। कोलार में सबसे ज्यादा केस हैं। इसलिए वहां पर माइक्रो कंटेनमेंट बनाए जा रहे हैं।
संक्रमण रोकने के लिए बेरिकेडिंग
कोलार एसडीएम क्षितिज शर्मा ने बताया, लाइन से 2-3 घरों में संक्रमित मिलने के बाद माइक्रो कंटेनमेंट बना रहे हैं। अब तक 27 घरों के आसपास बेरिकेडिंग की गई है। गुल मोहर कॉलोनी में बेरिकेडिंग बनाने पर कर्मचारियों से विवाद किया। हमने समझाईश दी कि संक्रमण रोकने के लिए माइक्रो कंटेनमेंट बना रहे हैं। समझाईश के बाद लोग मानें।
गोविंदपुरा और बैरागढ़ भी हॉट स्पॉट, लेकिन कंटेनमेंट नहीं
कोलार के अलावा गोविंदपुरा और बैरागढ़ भी बड़े हॉट स्पॉट बन गए हैं। यहां पर 300 से ज्यादा एक्टिव केस हैं। हालांकि, संक्रमितों के घर एक ही लाइन में नहीं है। इसलिए कंटेनमेंट बनाने की नौबत नहीं बनी है।
कंटेनमेंट एरिये को लेकर निर्देश
सेकेंड वेव में घूमते मिले थे संक्रमित
सेकेंड वेव के दौरान भी कंटेनमेंट जोन बनाए गए थे। उस समय संक्रमित घरों से बाहर घूमते मिले थे। इसके चलते संक्रमण फैला था और एक संक्रमित के संपर्क में आने से अन्य कई लोग भी संक्रमित हो गए थे। वर्तमान में भी ऐसी सूचनाएं मिल रही थीं। इसके चलते कलेक्टर अविनाश लवानिया ने माइक्रो कंटेनमेंट बनाने के निर्देश दिए। सबसे बड़े हॉट स्पॉट कोलार में सबसे अधिक कंटेनमेंट बने हैं।
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