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ऑनलाइन कोर्स:दुनिया के किसी भी देश के लोग सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन कोर्स कर बन सकेंगे आचार्य, शास्त्री; वास्तुशास्त्री और ज्योतिषाचार्य

भोपाल9 दिन पहलेलेखक: अनूप दुबोलिया
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सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी - Dainik Bhaskar
सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी
  • सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी के भोपाल सहित अन्य कैंपस से इस तरह के कोर्स शुरू करने की तैयारी
  • 30 सीटों का रहेगा कोटा, ऑनलाइन होगी प्रवेश परीक्षा

सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी, संस्कृत भाषा और उसके पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए कई नवाचार कर रही हैं। इसी कड़ी में यूनिवर्सिटी में अगले सत्र से ऑनलाइन कोर्सेस शुरू किए जाने की तैयारी चल रही है। इसके जरिए अमेरिका, रूस, आयरलैंड, जापान समेत दुनिया के किसी भी देश के लोग आचार्य, शास्त्री और ज्योतिषाचार्य की डिग्री हासिल कर सकेंगे।

सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी के भोपाल कैंपस के डायरेक्टर प्रो. रमाकांत पांडे ने बताया कि इसके लिए 30 सीटों का कोटा रहेगा। ऑन लाइन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन दिया जाएगा। डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से पांच प्रमुख विषयों में सर्टिफिकेट कोर्स, पीजी डिप्लोमा कोर्स , अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स भी शुरू किए गए हैं। इनमें ज्योतिष शास्त्र, वास्तु शास्त्र, व्याकरण, दर्शनशास्त्र और साहित्य विषय भी शामिल है। हाल ही में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा ब्रिटेन और आयरलैंड में प्रस्तुत किए गए संस्कृत के नाटक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। इसके बाद प्रोत्साहित होकर कई नवाचार करने के निर्णय लिए गए।

संगीत नाटक अकादमी और इग्नू से किया एमओयू, मैथ्स, कंप्यूटर साइंस जैसे विषय पढ़ सकेंगे स्टूडेंट्स

पांडे ने बताया कि हमने संगीत नाटक अकादमी और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) से भी एमओयू किया है। अब यूनिवर्सिटी से संगीत, नृत्य, नाट्यशास्त्र में भी डिग्री दी जाएगी। इग्नू से किए गए एमओयू के बाद संस्कृत यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी साइंस, मैथ्स, कंप्यूटर साइंस जैसे आधुनिक विषयों को भी पढ़ सकेंगे।

10वीं, 12वीं पास विद्यार्थियों के लिए भी सुविधा

डायरेक्टर के मुताबिक दसवीं और बारहवीं पास विद्यार्थियों के लिए नई सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इनके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड से रेगुलर कैंपस में पहुंचकर पढ़ाई करने की सुविधा दी जाएगी। इनमें तीन पाठ्यक्रम ज्योतिष शास्त्र, वास्तु शास्त्र में डिप्लोमा और नाट्य शास्त्र में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है। इच्छुक लोग संस्कृत में श्रीमद् भागवतगीता, श्री दुर्गा सप्तशती, कालिदास के काव्यों को पढ़ना चाहते हैं, उनके लिए भी संस्कृत की स्क्रिप्ट और उच्चारण के लिए भी कोर्स शुरू किए गए हैं।

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