भोपाल एवं हबीबगंज स्टेशन पर अब भी आपको प्लेटफार्म टिकट लेने के बदले 50 रुपए चुकाना पड़ रहे हैं। हालांकि इंदौर एवं ग्वालियर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते कीमत बढ़ाए जाने का विरोध हुआ। नतीजे में दोनों शहर में इसकी कीमत घटाकर 30 रुपए कर दी गई है। प्लेटफार्म टिकट दर में असमानता की बात को रेलवे के अफसर भी मानते हैं।
टिकट दर में इजाफा होने से रेलवे के खजाने में दोनों स्टेशनों से रोजाना तकरीबन 40 हजार रुपए जमा हो रहे हैं। यानी महीने भर में 12 लाख की कमाई। हाल ही में भोपाल के समान ही ए-1 श्रेणी के स्टेशन सूरत में प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत 50 से घटाकर 30 रुपए कर दी गई है। इसकी मुख्य वजह रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष का सूरत से सांसद होना है। उन्होंने हाल ही में प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत को लेकर रेल अधिकारियों से सवाल किया था। उसके बाद अफसरों ने तत्काल प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत को 20 रुपए कम कर दिया। रेल उपयोग कर्ता व सलाहकार समिति के सदस्य सुरेंद्र द्विवेदी और निरंजन वाधवानी भी इस मामले में पहल कर चुके हैं।
30 हजार के टिकट बिक रहे
भोपाल स्टेशन पर रोजाना 600 प्लेटफॉर्म टिकट बिक रहे हैं। प्रति टिकट के हिसाब से यदि देखा जाए, तो हर दिन 30 हजार के प्लेटफॉर्म टिकट वहां पर बेचे जा रहे हैं। हबीबगंज स्टेशन पर भी यह आंकड़ा 200 के करीब है। इस तरह दोनों ही स्टेशनों पर करीब 40 हजार रुपए के टिकट रोजाना बिक रहे हैं। महीने में दोनों स्टेशनों पर 12 लाख के टिकट बिक जाते हैं।
पहले दोनों स्टेशनों पर 4.50 लाख के टिकट हर महीने बिकते थे
पूर्व में जब प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत 10 रुपए थी।, उस दौरान 1200 से ज्यादा टिकट भोपाल पर बेचे जाते थे, जिनसे रोजाना 12 हजार की आय होती थी। वहीं, हबीबगंज में यह आंकड़ा 300 रहता था है। कुल मिलाकर दोनों स्टेशनों पर 4 लाख 50 हजार के टिकट बिकते हैं।
भोपाल एवं हबीबगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत कम करवाने का प्रयास करेंगे। उच्चाधिकारियों के संज्ञान में भी मामला लाएंगे।
- विजय प्रकाश, सीनियर डीसीएम, भोपाल रेल मंडल
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