भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान के विरोध में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। शनिवार को भेल महात्मा गांधी चौराहे पर कांग्रेस ने सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ प्रदर्शन किया और सांसद का पुतला जलाया। इस अवसर पर पूर्व जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष और नर्मदा परिक्रमाधारी रविन्द्र साहू झुमरवाला ने कहा कि सांसद ने हिंदू धर्म का अपमान है। इससे हिंदू धर्म के लोग आहत हुए है। उन्होंने हिंन्दू धर्म की आस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। इसका विरोध करने के लिए हम सभी लोग एकत्रित हुए। रविन्द्र साहू ने कहा कि हमने उनके हिन्दू भावनाओं को आहत करने को लेकर गोविंदपुरा थाने में एफआईआर करने के लिए आवेदन दिया है। साथ ही रविन्द्र साहू ने कहा कि हम सांसद से पूछना चाहते है कि क्या भगवा कलर ओढ़ने से सभी आतंकवादी पवित्र हो जाते हैं।
बता दें सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को एमवीएम मैदान पर दशहरा उत्सव समिति के कार्यक्रम में कांग्रेस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा करने से कोई अधर्मी पवित्र नहीं हो जाता है। इस दौरान मंच पर मौजूद विधायक पीसी शर्मा ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।
रविन्द्र साहू ने कहा सांसद का कहना है कि कोई भी नर्मदा जी की परिक्रमा करके अधर्मी पवित्र नहीं हो सकता। क्या बड़े-बड़े साधु संत जो मां नर्मदा की परिक्रमा करते है, वह सब अधर्मी है। क्या भगवान की सेवा करने वाले सभी अधर्मी है। भगवान की आराधना करने वाले अधर्मी है। उन्होंने सांसद से सवाल करते हुए पूछा कि क्या मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री जो ढोंग करते है,वह सब अधर्मी है।
साहू ने कहा कि मैंने 3200 किमी की पैदल यात्रा की। हमने नर्मदा जी की परिक्रमा करें तो हम सब अधर्मी हो गए। सांसद का बयान सुनकर मेरा मानसिक संतुलन खो बैठा हूं। हम परिक्रमा करें तो अधर्मी हो गए। मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि आप लोग इस अपमान को ना बर्दाश्त न करें। हम लाग लड़ाई लड़ेंगे। सांसद को अपने बयान के लिए सभी परिक्रमा करने वाले लोगों से माफी मांगनी होगी।
वहीं, शनिवार को एक वीडियो जारी कर कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सांसद कबड्डी- गरबा खेल रही हैं। उनको मेडिकल आधार पर जमानत मिली है। हम कोर्ट से निवेदन करते है कि वह संज्ञान लेकर सांसद की जमानत कैंसिल करनी चाहिए।
वहीं, मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सांसद का बचाव करते हुए कहा कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर संत है। धार्मिक आधार पर जो उनको लगता है। वह सहज होकर बोलती है। उनके बयानों का अन्यथा नहीं लेना चाहिए।
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